उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में प्रियंका के नाम पर दूसरी महिला सालों से ऊर्दू की सहायक अध्यापिका के पद पर नौकरी कर रही थी। लेकिन एक गुमनाम पत्र की वजह से उसकी सारी पोल खुल गई। जिसके बाद से उसे नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है।
मिर्जापुर: उत्तर प्रदेश के जिले मिर्जापुर में एक फर्जी मामला सामने आया है। जिसमें लंदन में रहने वाली प्रियंका प्रजापति के नाम पर दूसरी महिला सालों तक नौकरी कर रही थी। प्रियंका प्रजापति के नाम पर फर्जी नौकरी करने वाली प्रियंका यादव की पोल एक गुमनाम शिकायत पत्र की वजह से खुल गई। जिसके बाद प्रियंका यादव को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया और मुकदमा भी दर्ज किया गया।
प्रियंका यादव ने प्रियंका प्रजापति के नाम पर फर्जी डॉक्युमेंट्स के आधार पर 2015-16 में उर्दू की सहायक अध्यापिका के पद पर नौकरी मिली थी। लेकिन लंदन वाली प्रियंका प्रजापति के पिता की शिकायत पर जांच में फर्जीवाड़ा सामने आया तो बेसिक शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया। अब जिला विद्यालय निरीक्षक ने फर्जी प्रियंका यादव पर कोतवाली में उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।
ऐसे आया पूरा मामला सामने
फर्जी प्रियंका यादव ने अगस्त 2021 तक 38 लाख 99 हजार वेतन ले चुकी है और लंदन में रहने वाली प्रियंका प्रजापति को इसका पता भी नहीं चला। प्रियंका यादव लंदन में रहने वाली प्रियंका प्रजापति बनके लाखों रुपये सैलरी हजम करती चली गयी। जिसका पता किसी को नही चल पाया। दरअसल प्रियंका प्रजापति लंदन में अपना परिवार संभाल रही थी और उनके कागजात पर दूसरी महिला बीते छह सालों से नौकरी कर रही थी। यह पूरा मामला तब सामने आया जब विंध्याचल मंडल में अभिलेखों का सत्यापन हुआ। लंदन वाली प्रियंका के पिता ने पुलिस अधीक्षक कन्नौज से शिकायत करके आरोपियों पर कार्रवाई की मांग की थी।
पुलिस अधीक्षक को लिखी थी शिकायत
शिक्षा निदेशक माध्यमिक विनय कुमार पांडेय के निर्देश पर संयुक्त शिक्षा निदेशक कामताराम पाल के नेतृत्व में मंडलीय उप शिक्षा निदेशक व डीआइओएस मिर्जापुर सत्येंद्र कुमार सिंह की तीन सदस्यीय समिति ने प्रियंका प्रकरण की जांच की। विंध्याचल मंजल में साल 2015-16 में आयोजित भर्ती में शिक्षिका की उर्दू विषय में सहायक अध्यापक पद पर हुई थी। इस भर्ती के बाद कागजातों का सत्यापन कराया जा रहा है। इस दौरान कन्नौज जिले के बालाजी नगर तिर्वा रोड नसरापुर निवासी मनोज कुमार प्रजापति ने पुलिस अधीक्षक को पत्र देकर शिकायत की। उन्होंने कहा कि उनकी बेटी प्रियंका राजकीय बालिका उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भरपुरा पहाड़ी मिर्जापुर में नौकरी कर रही है।
प्रियंका प्रजापति 2019 से लंदन में रह रही
संयुक्त शिक्षा निदेशक द्वारा शैक्षणिक कागजातों के सत्यापन के दौरान प्रकरण की जानकारी मिली। लंदन में रहने वाली प्रियंका प्रजापति के पिता का कहना है कि उनकी बेटी की शादी 14 फरवरी 2014 को अश्वनी कुमार पंचवटी विनायकपुर कानपुर के साथ हुई। वह मार्च 2019 से ही लंदन में रह रही है। उनके शैक्षणिक अभिलेख उनके पास है। इसके बाद जांच करने पर शिकायत सही मिली। प्रियंका के पिता की शिकायत पर जांच के आधार पर डीआईओएस ने स्थानीय कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया है, जिसकी जांच अब पुलिस कर रही है।
इस तरह से खुली फर्जी प्रियंका की पोल
संयुक्त शिक्षा निदेशक कामताराम पाल ने बताया कि जनपद कन्नौज के अदमापुर पोस्ट रोहली तहसील छिबरामऊ कन्नौज के रहने वाली एक प्रियंका यादव नाम की लड़की है। जिसने मिर्जापुर विंध्याचल मंडल में 2014 में वैकेंसी निकलने पर 2015-16 में उर्दु टीचर के सहायक पद पर अप्लाई किया था। जिसके बाद उसकी नियुक्ति हो गई थी और वह काम करती रही। साल 2021 नवंबर में एक गुमनाम पत्र आया कि प्रियंका प्रजापति के नाम से नौकरी करती थी। उनके पिता का नाम मनोज प्रजापति था लेकिन सच्चाई तो कुछ और ही थी। वह प्रियंका प्रजापति नहीं थी बल्कि अजमेर सिंह यादव नाम के व्यक्ति की बेटी थी। इसका मूल नाम था प्रियंका यादव जिसने मनोज कुमार प्रजापति की बेटी प्रियंका प्रजापति की पूरी डॉक्यूमेंट को चोरी किया या कहीं से पाया और उसी के नाम से यह नौकरी हासिल की थी। जिसे उसने छह सालों तक किया लेकिन एक शिकायत की वजह से उसकी पोल खुल गई।
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