यूपी के पूर्व सीएम मुलायम सिंह यादव का इटावा के सैफई में उनके पैतृक जमीन पर मंगलवार को शाम तीन बजे अंतिम संस्कार किया जाएगा। इसके लिए मैदान में सारी तैयारियां शुरू हो गई हैं। वहीं नेताजी को अंतिम विदाई देने के लिए सीएम योगी भी सैफई जाएंगे।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और धरती पुत्र मुलायम सिंह यादव का गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में सोमवार सुबह निधन हो गया। 82 साल के मुलायम सिंह को युरिन इंफेक्शन हो गया था। लंबे समय से वह बीमार चल रहे थे। बीते 2 अक्टूबर को मुलायम सिंह का स्वास्थ्य ज्यादा खराब होने के बाद उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था। डॉक्टरों की एक टीम उनका इलाज कर रही थी। पिछले करीब 2 सालों से नेताजी ब्लड प्रेशर और यूरिन इन्फेक्शन जैसी बीमारियों से परेशान थे। नेताजी का पार्थिव शरीर को उनके पैतृक गांव सैफई पहुंच गया है। इस दौरान मुलायम सिंह के चाहने वाले सैफई में एकत्र हो रहे हैं। 11 अक्टूबर को शाम तीन बजे मुलायम सिंह का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा।
सैफई में पैतृक जमीन पर होगा नेताजी का अंतिम संस्कार
समाजवादी पार्टी के ट्विटर हैंडल से अखिलेश यादव ने ट्वीट कर मुलायम सिंह के निधन की पुष्टि की थी। नेताजी के निधन की खबर मिलते ही पूरा सैफई शोक में डूब गया। गांव के लोग और उनके शुभचिंतक भारी संख्या में उनके घर के बाहर जमा होने लगे हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार, घर से 500 मीटर दूर मेला मैदान में सपा नेता मुलायम सिंह यादव का अंतिम संस्कार किया जाएगा। बता दें कि इससे पहले आज इटावा के सैफई में उनकी कोठी पर उनकी पार्थिव देह को लोगों के अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। मैदान में सारी तैयारियां शुरू हो गई हैं। निधन की खबर मिलते ही नेताजी के घर के बाहर भारी पुलिस बल तैनात हो गया है।
सैफई की जनता ने इस तरह लड़वाया था नेताजी को चुनाव
सैफई से मुलायम सिंह यादव का जुड़ाव सिर्फ कहने भर का ही नहीं था। उनका सैफई से जुड़ाव का एक किस्सा बेहद मशहूर है। मुलायम सिंह सबसे पहले 28 साल की उम्र में इटावा जिले की जसवंतनगर सीट से विधायक बने थे। वहीं साल 1967 में नेताजी ने चुनाव लड़ने का फैसला किया लेकिन तब उनके पास इतने पैसे नहीं थे। इसके बाद सैफई की जनता ने फैसला किया कि वह लोग दिन में सिर्फ एक बार खाना बनाएंगे। इस दौरान जो पैसा बचेगा उस पैसे से मुलायम सिंह को चुनाव लड़वाया जाएगा। वह अपनी रैलियों में आए लोगों से 1 रुपये का चंदा मांगते थे और कहते थे कि चुनाव जीतने के बाद इस पैसे को वह ब्याज सहित वापस कर देगें। बता दें कि नेताजी के अंतिम संस्कार के लिए मैदान पर लगी घास को हटाकर जमीन को बराबर किया जा रहा है।
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