
मुजफ्फरनगर: उत्तर प्रदेश की जोलों से भी धार्मिक सौहार्द की मिसाल सामने आ रही है। जेल में बंद 200 से ज्यादा मुस्लिम कैदी भी हिंदू कैदियों के साथ में नौ दिन तक चलने वाली नवरात्रि में उपवास रखे हुए हैं। जेल के अधिकारी के द्वारा बताया गया कि मुस्लिम कैदियों का यह कार्य हिंदू कैदियों के प्रति उनकी भावनाओं को व्यक्त करने का तरीका है। ज्ञात हो कि रमजान के पवित्र माह में सुबह से लेकर शाम तक रोजा रखने वालों में कई हिंदू कैदी भी शामिल थे। जिला के वरिष्ठ अधिकारी के द्वारा बताया कि मुजफ्फरनगर की जेल में 3000 कैदी नवरात्रि उपवास रख रहे हैं। इसमें 218 मुस्लिम कैदी भी ऐसे है जो नवरात्रि का व्रत कर रहे हैं।
कैंटीन में कई सामान करवाए गए उपलब्ध
जेल प्रशासन के द्वारा नवरात्रि व्रत रखने वाले कैदियों के लिए खास इंतजाम किए गए हैं। जेल अधीक्षक सीताराम शर्मा की ओर से जानकारी दी गई कि कैंटीन में व्रत रखने वाले कैदियों के लिए कई तरह के फल, दूध, कुट्टू के आटे की बनी पूड़ी, चाय और अन्य सामान उपलब्ध करवाया गया है। उपवास रखने वाले कैदियों का कहना है कि, 'वह संस्कृति और धर्मों की एकता में विश्वास करते हैं। इसी विश्वास ने उन्हें उपवास रखने के लिए प्रेरित किया है।' कैदियों के द्वारा बताया गया कि बाहर के लोगों को भी यह देखकर सीखना चाहिए कि जेल में कैसे सांप्रदायिक सद्भाव के साथ त्योहारों को मनाया जाता है। हम सभी एक ही सांस्कृतिक परिवेस में साथ-साथ रहते हैं और सह-अस्तित्व में ही हम सभी को रहना चाहिए।
'प्यार ही हो सकता है प्यार का जवाब'
उपवास रखने वाले एक अन्य मुस्लिम कैदी ने कहा कि 'हम सभी सांप्रदायिक सद्भाव की मिसाल कायम रखने में काफी गर्व की अनुभूति करते हैं। अगर जेल के हमारे हिंदू भाई रमजान के पवित्र महीने में रोजा रख सकते हैं तो फिर हम लोग नवरात्रि में उपवास क्यों नहीं रख सकते हैं। प्यार का जवाब प्यार ही होता है नफरत नहीं।' वहीं जेल प्रशासन नवरात्रि और अन्य धार्मिक आयोजन के दौरान अतिरिक्त सतर्कता बरतता है।
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