मुजफ्फरनगर में उभरते एथलीट ने अपनी जिंदगी को समाप्त कर लिया है। रेप के झूठे आरोप में जेल जाने के बाद उसने यह कदम उठाया है। मृतक के पास से पुलिस को सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है।
मुजफ्फरनगर: जनपद में एक उभरते हुए एथलीट की खुदकुशी की घटना ने सभी को झकझोर के रख दिया है। भैसी में रायपुर नगली गांव निवासी 23 वर्षीय राहुल ने पेड़ से लटककर खुदकुशी खर ली। इस बीच जब पुलिस ने उसके शव को पेड़ से उतरवाया तो उसकी नोट से सुसाइड नोट भी मिला। पुलिस ने इसे अपने कब्जे में लेकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
देश-विदेश में जीते थे कई मेडल
आपको बता दें कि राहुल एक उभरता हुआ एथलीट था। उसके द्वारा कम उम्र में ही देश-विदेश में कई मेडल जीते गए थे। वह ओलंपिक गेम की तैयारी के लिए दिल्ली में रह रहा था। इस बीच एक युवती के परिजनों ने राहुल पर बेटी को बहला-फुसलाकर ले जाने का आरोप लगाया। इसी के साथ उस पर रेप का मुकदमा भी दर्ज करवाया। इस मामले में दिल्ली की पुलिस राहुल के गांव पहुंची और उसे वहां से गिरफ्तार कर लिया। वह तकरीबन 19 माह तक जेल में रहा और एक माह पहले ही जमानत पर छूटकर आया था। जेल से बाहर आने के बाद से ही वह डिप्रेशन में चल रहा था।
'अब मेरी सरकारी नौकरी भी नहीं लग सकती'
राहुल ने अपने सुसाइड नोट में लिखा कि, 'मेरी लाइफ बेकार हो चुकी है। जब से मुझे झूठे मुकदमे में फंसाकर जेल भेजा गया है तब से मैं डिप्रेशन में चल रहा हूं। मैंने कुछ भी गलत नहीं किया है वह लड़की सिर्फ मेरी दोस्त थी। उसके द्वारा मुझे जॉब दिलाने के लिए बुलाया था। फिर भी उस लड़की के माता-पिता ने बहला-फुसलाकर भगा ले जाने और रेप के मामले में मुझे जेल भिजवा दिया। जेल में 19 महीने रहकर मेरी जिंदगी खराब हो गई है। अब मेरी सरकारी नौकरी भी नहीं लग सकती है।'
'इस कलंक से साथ मैं नहीं जी सकता'
सुसाइड नोट में राहुल ने आगे लिखा कि, 'जेल से आने के बाद से मैं डिप्रेशन में था और उसी के चलते यह कदम उठा रहा हूं। मुझे माफ कर दिया जाए इसमें मेरे परिवार का कोई भी कसूर नहीं है। जो भी कदम उठा रहा हूं वह मर्जी से उठा रहा हूं। इस मामले में लड़की के मां-बाप से पूछताछ जरूर की जाए। उन्होंने पैसे के लिए मुझे फंसाया। पापा मुझे माफ कर दो। मेरा सपना एथलीट बनने का था और इसको लेकर मेहनत भी की। देश विदेश में कई मेडल भी मिले लेकिन जिंदगी खराब कर दी। मेरे द्वारा रेप नहीं किया गया। लड़की ने भी यह बात कही कि मेरे द्वारा कुछ नहीं किया गया। लेकिन उसके बाद भी मुझे सजा मिली। ये कलंक लेकर मैं नहीं जी सकता हूं।'
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