कांवड़ियों का मुस्लिम समाज के लोगों ने इस तरह से किया स्वागत, एक बार पेश की एकता की मिसाल

यूपी के मुजफ्फरनगर में हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल देखने को मिली जब मुस्लिम समाज के कुछ लोगों ने हरिद्वार से वापस आ रहे कावड़ियों पर पुष्प वर्षा की। इतना ही उनके लिए खाने-पानी से लेकर दवा तक का इंतजाम किया था। 

मुजफ्फरनगर: उत्तर प्रदेश में बीते दिनों हिंदू मुस्लिम एकता की मिसाल देखने को मिली है। इसी बीच राज्य के मुजफ्फरनगर जिले में शुक्रवार को हिंदू मुस्लिम एकता की मिसाल उस समय देखने को मिली, जब हरिद्वार से चलकर मुजफ्फरनगर पहुंच रहे शिव भक्त यानी कावड़ियों पर मुस्लिम समाज के लोगों ने न सिर्फ पुष्प वर्षा की बल्कि कावड़ियों को माला पहनाकर उनका स्वागत किया। साथ ही दूर से चलकर आ रहे यात्रियों को पानी पिलाकर उनकी प्यास भी बुझाई। बीती 14 जुलाई को श्रावण के माह की शुरुआत हो चुकी है।

मुस्लिम समाज के लोग देना चाहते है प्रेम का संदेश
सावन के महीने की शुरुआत के बाद ही कावंड़ यात्रा का भी आगाज हो चुका है, जिसके लिए शिव भक्त कांवड़िये हरिद्वार से जल भरकर अपने-अपने गंतव्यों के लिए निकल पड़े हैं। कांवड़ यात्रा के दौरान शिव भक्त शहर से होते हुए दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों की ओर प्रस्थान करते हैं। सावन महीने में कांवड़ यात्रा के साथ-साथ कांवड़ मेले का भी बहुत ही महत्व माना जाता है। इस मेले में हिंदू-मुस्लिम सौहार्द के कई उदाहरण देखने को मिल जाते हैं। इसी क्रम में मुस्लिम समाज के लोग कांवड़ियों की सेवा करते देखे जा सकते हैं। शुक्रवार को भी इसका उदाहरण सिविल लाइन थाना क्षेत्र के सरवट गांव में देखने को मिला। सभी लोगों को इस काम से प्रेम का संदेश देना चाहते हैं।

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मुजफ्फरनगर मोहब्बत नगर के नाम से है जाना जाता
गांव के ही समाजसेवी मुस्लिम भाईयों ने स्थानीय लोगों के साथ मिलकर न सिर्फ कांवड़ियों पर पुष्प वर्षा की, बल्कि शिव भक्तों को फूल माला पहनकर उनका स्वागत किया और इस भीषण गर्मी में जल भी पिलाया। समाजसेवी अहमद हुसैन ने कहा कि मुजफ्फरनगर मोहब्बत नगर के नाम से जाना जाता है। लोगों को यहां से एक संदेश देना चाहते हैं कि मुजफ्फरनगर के लोग कितने अच्छे और कितने मोहब्बत वाले लोग हैं। कांवड़ियों से कोई परहेज नहीं है, ना ही शिव भक्ति से हमें कोई परहेज है। जबकि बहुत अच्छा लगता है कांवड़ियों दुआ के लिए जाते हैं। आगे कहते है कि हम तो चाहते हैं कि हमारी दुआ भी कांवड़ियों के साथ शामिल हो जाए। उनकी सेवा के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। हर तरह की व्यवस्था करते है फिर चाहे खाना-पानी हो या दवा।

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