महंत नरेंद्र गिरि (Mahant Narendra Giri) 8 जुलाई को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) से मुलाकात करने के बाद प्रयागराज (Prayagraj) लौट रहे थे। लखनऊ-सुल्तानपुर हाइवे पर एक वाहन से टक्कर के बाद उनकी कार खंभे से टकरा गई थी। ये हादसा भी CBI की जांच का विषय बन गया है।
प्रयागराज। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मौत मामले में नया मोड़ आया है। 72 दिन पहले महंत के साथ हुआ कार एक्सीडेंट भी CBI जांच के दायरे में आ सकता है। महंत 8 जुलाई को लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात करने के बाद प्रयागराज लौट रहे थे। रास्ते में नरेंद्र गिरी और अखाड़ा परिषद के महामंत्री महंत हरि गिरी बाल-बाल बचे थे। वहीं, CBI आनंद गिरी का लाई डिक्टेटर (झूठ पकड़ने के लिए) टेस्ट करवाने की तैयारी कर रही है। इसके लिए कोर्ट से अनुमति ली जाएगी।
दरअसल, लखनऊ-सुल्तानपुर हाइवे पर एक वाहन से टक्कर के बाद के बाद महंत की कार खंभे से टकरा गई थी। कार के आगे का हिस्सा बुरी तरह डैमेज हो गया था। ये हादसा भी जांच का विषय बन गया है। CBI ये जानना चाहेगी कि कार एक्सीडेंट महज सामान्य हादसा था या फिर इसके पीछे भी बड़ी साजिश थी। महंत के ड्राइवर दुर्गेश से भी पूछताछ की जा सकती है। इसके अलावा, हादसे की जानकारी सोशल मीडिया पर शेयर करने वाले शिष्य सुमित के भी बयान हो सकते हैं।
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आनंद के वकील बोले- साजिश से साइन करवाए गए होंगे?
मामले में आरोपी महंत के शिष्य आनंद गिरि के वकील सुधीर श्रीवास्तव ने सुसाइड नोट पर सवाल किए। उनका कहना था कि सुसाइड नोट अखाड़ा परिषद के पैड पर लिखा है। ऐसे में संभावना है कि किसी काम के बहाने उनसे लेटर पैड पर पहले से साइन करवा लिए गए हों। या कोई साजिश के तहत महंत के हस्ताक्षर करवाए हों। ये सारे बिंदु सीबीआई के बाद ही तय हो पाएंगे। इधर, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महासचिव महंत हरि गिरि ने कहा है कि वे अपने स्तर पर मामले की जांच कराने की तैयारी में है। इसके लिए हाईकोर्ट के पांच रिटायर्ड जजों का एक अलग जांच पैनल नियुक्त करने की मांग रखेंगे। उनका कहना था कि ये आत्महत्या नहीं है।
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सुसाइड नोट पर मिले साइन और फिंगरप्रिंट की जांच में पुष्टि: सूत्र
इससे पहले CBI सूत्रों के हवाले से खबर आई थी कि जांच में सुसाइड नोट पर नरेंद्र गिरि के साइन और फिंगर प्रिंट उनके बैंक अकाउंट में किए गए हस्ताक्षर से मैच हो गए हैं। सुसाइड नोट की फॉरेंसिक जांच भी की जा रही है। हालांकि, CBI ने इस संबंध में अभी कोई आधिकारिक तौर पर जानकारी नहीं दी है।
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12 दिन पहले महंत की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हुई थी
महंत नरेंद्र गिरि की शव 20 सितंबर को प्रयागराज स्थित बाघंबरी गद्दी मठ में पंखे से लटकते हुए मिला था। मौके से सुसाइड नोट भी बरामद हुआ था, जिसमें उन्होंने शिष्य आनंद गिरी, पुजारी आद्या तिवारी और उनके बेटे संदीप तिवारी पर मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाया था। महंत ने इन तीनों पर कार्रवाई करने की मांग की थी। घटना के बाद तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया। फिलहाल, तीनों सीबीआई की कस्टडी में हैं।
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