खुशी दुबे की मां की दर्दभरी दास्तां: 'पंडित जी' के दबाव में ब्याह दी बेटी, जमानत न हो इसलिए लगाई गई पूरी ताकत

कानपुर के बिकरू कांड की आरोपी खुशी दुबे को जमानत मिल गई है। बेटी को जमानत मिलने के बाद मां गायत्री ने बताया कि पंडित जी के दबाव में बेटी की शादी की थी। हालांकि शादी के बाद ही सब बदल गया। 

कानपुर: बिकरू कांड की आरोपी खुशी दुबे को जमानत मिल गई है। बेटी को जमानत मिलने के बाद मां गायत्री देवी ने मीडिया से बातचीत में बताया कि वह आर्थिक रूप से बहुत कमजोर हैं। यह बताते हुए उनकी आंखों से आंसू छलक आए। गायत्री देवी ने बताया कि बेटी को जेल में खून की उल्टियां तक हुई, वो गिरी और बेहोश हो गई। लेकिन उसे देखने वाला वहां पर कोई न था। सरकार ने पूरी ताकत लगा दी थी जिससे खुशी की जमानत न हो सके। 

शादी के बाद पता चला गैंगस्टर के घर हुई थी शादी 
खुशी दुबे की मां ने कहा कि बेटी के जेल जाने के बाद हमारा समाजिक बहिष्कार हो गया था। हम लोग घर से बाहर तक नहीं निकलते थे। सबसे ज्यादा कष्ट यही था कि बेटी को ब्याह के बाद चौथी तक में आने का मौका नहीं मिला और उसे जेल भेज दिया गया। 6 माह तक तो हम लोग भी उसे देख नहीं पाए। गायत्री देवी बताती हैं कि उन्हें खुद नहीं पता था कि गैंगस्टर के घर बेटी को ब्याह दिया है। शादी के बाद जब बिकरू कांड हुआ तो पता लगा कि आखिर पंडित जी कौन है जिनके घर में बेटी ब्याह दी गई है। 

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चौथी पर भी घर नहीं आ पाई बेटी, सीधा गई जेल 
उन्होंने कहा कि पति पेंटर हैं और बेटी की शादी के लिए किसी ने पंडित जी से मुलाकात करने की बात कही। जब हम लोग विकास दुबे के घर पहुंचे तो उन्होंने बेटी को देखने के बाद शादी फाइनल कर दी। दोबारा हम लोग बातचीत के लिए गए तो कहा भी कि अभी हमारे पास इंतजाम नहीं है और इतनी जल्दी शादी नहीं कर सकते। इस पर उन्होंने कहा कि शादी तो करनी ही पड़ेगी हमें लोग पंडित जी कहते हैं। यह सब जानकर हम लोग थोड़ा सहमे भी। लेकिन उन्होंने खुद ही बेटी और हम लोगों को घर बुलवा लिया और 20-25 दिन के भीतर शादी करवा दी। डर के चलते हम लोग विरोध करने तक की हिम्मत न जुटा पाए। शादी के बाद बेटी सीधा जेल चली गई। 

खुशी दुबे करेंगी अपनी आगे की जिंदगी का फैसला 
जेल से बाहर आने के बाद बेटी के सियासत में एंट्री करने के सवाल पर वह कहती हैं कि इसका फैसला खुद बेटी करेगी। अभी फिलहाल वह सिर्फ दसवीं पास है लिहाजा वह पहले आगे की पढ़ाई करेगी। इसके बाद ही वह जो भी करना होगा करेगी। आपको बता दें कि बिकरू कांड मामले में एनकाउंटर में मारे गए अमर दुबे की पत्नी खुशी दुबे को सुप्रीम कोर्ट से सशर्त जमानत मिली है। खुशी को हफ्ते में एक बार थाने जाकर हाजिरी लगानी होगी। यूपी सरकार ने उसकी जमानत का विरोध भी किया और कहा कि खुशी के खिलाफ पुलिस पर फायरिंग के लिए उकसाने का आरोप है। जेल में भी उसने दूसरे कैदियों के साथ झगड़ा किया है। अगर उसे जमानत मिलती है तो गैंग फिर से एक्टिव हो सकता है। हालांकि तमाम दलीलों के बाद कोर्ट ने उसे सशर्त जमानत दी है। 

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