प्रतापगढ़ में उर्स मेले में चाऊमीन खाना लोगों को पड़ा महंगा, कई दिनों से पूरे गांव में मचा हड़कंप

उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में लालगंज कोतवाली के गांव के बच्चों को मेले में चाऊमीन खाना भारी पड़ गया। चाऊमीन के कारण गांव के करीब 70 बच्चे फूड पॉइजनिंग की चपेट में आ गए हैं। इतना ही नहीं बच्चों के अलावा बड़ों को मिलाकर कुल 84 लोग बिमार हुए है।

Asianet News Hindi | Published : Jul 16, 2022 11:21 AM IST / Updated: Jul 16 2022, 04:57 PM IST

प्रतापगढ़: उत्तर प्रदेश के जिले प्रतापगढ़ के एक गांव के मेले में चाऊमीन लोगों को खाना भारी पड़ गया है। चाऊमीन के कारण गांव के करीब 84 लोग फूड पॉइजनिंग की चपेट में आ गए है। ऐसा बताया जा रहा है कि उर्स मेले में चाऊमीन खाने के बाद ही लोगों की तबियत खराब होना शुरू हुई। देखते ही देखते लोगों की संख्या बढ़ती चली गई। सभी को पेट दर्द, उल्टी, दस्त की शिकायत हो रही थी। चाऊमीन खाकर बीमार होने वाले में 70 बच्चे शामिल है। सभी को नजदीकी अस्पताल में भर्ती करवाया गया। शुक्रवार की शाम स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव में पहुंची।

लोग निजी साधनों स्थानीय डॉक्टरों के पास लगे भागने
जानकारी के अनुसार शहर की लालगंज कोतवाली के वरिस्ता गांव के तकिया मीर का मामला है। जहां उर्स के मेले में गए बच्चे समेत 84 लोग चाऊमीन खाने के बाद बीमार हो गए। इनमें से पांच मरीजों की हालत गंभीर बताई जा रही है। जिसके बाद उनको इलाज के लिए प्रयागराज भेजा गया है। कोतवाली लाल गंज क्षेत्र में वरिस्ता गांव के तकिया मीर पुरवे में इनायत शाह बाबा की मजार है। इसी मजार पर गुरुवार को उर्स का मेला लगा था। मेले में गांव के दिनेश ने चाउमीन की दुकान लगायी थी। इस दुकान पर चाउमीन खाने वालों की तबीयत रात में बिगड़ना शुरू हो गयी। बच्चों व बड़ो को उल्टी दस्त के साथ पेट मे दर्द शुरू हो गया। लोग निजी साधनों से मरीजों को लेकर स्थानीय डॉक्टरों के पास भागने लगे। 

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समय पर नहीं मिली जिला मुख्यालय को सूचना
शुक्रवार की शाम स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव मे पहुंची। तब तक अधिकतर मरीज अपनी दवा करा चुके थे, वहीं चाऊमीन बेचने वाले दिनेश के साथ ठेला लगाने वाले दो अन्य दुकानदारों को हिरासत में लेकर पुलिस पूछताछ कर रही है। वहीं ग्रामीणों का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग ने घटना को गंभीरता से नहीं लिया। स्वास्थ्य विभाग की टीम 20 घण्टे देर से गांव में पहुंची। तब तक अधिकांश मरीज अपना इलाज स्थानीय डॉक्टरों से करा चुके थे। मुख्य चिकित्सा अधिकारी एम शुक्ला ने बताया है कि इतनी बड़ी संख्या में बच्चे और लोग फूड पॉयजनिंग के शिकार हुए, लेकिन इसकी जानकारी जिला मुख्यालय को समय से नहीं दी गयी। इसकी जानकारी मिलते ही चिकित्सकों की टीम गांव में भेज दी गयी। शुक्ला ने कहा कि लोगों का इलाज कराया जा रहा है। सभी मरीजों की हालत में अब सुधार आ रहा है। उन्होंने बताया कि जिसकी लापरवाही से यह घटना हुई है, जांच कराकर उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी।

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