
गोरखपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) आज गोरखपुर में एम्स (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान) का उद्घाटन करेंगे। इससे पूर्वी उत्तर प्रदेश के साथ ही बिहार, झारखंड और नेपाल तक के लोगों को फायदा मिलेगा। उन्हें इलाज के लिए दिल्ली नहीं जाना होगा। एक अनुमान के मुताबिक करीब सात करोड़ की आबादी के लिए विश्व स्तरीय विशेषज्ञ चिकित्सा सुविधा के किए यह एम्स सबसे बड़ा केंद्र बना है।
गोरखपुर एम्स (Gorakhpur AIIMS) की कुल लागत 1011 करोड़ रुपए है। 112 एकड़ में तैयार हुए इस अस्पताल में वर्तमान में 300 बेड हैं। जनवरी महीने में 450 बेड और उसके बाद पूरी तरह से 750 बेड का अस्पताल बन जाएगा। यहां 14 मॉडुलर ऑपरेशन थिएटर बनाए गए हैं। सीटी स्कैन, एमआरआई और अल्ट्रासाउंड जैसी आधुनिक चिकित्सा सुविधाएं भी मौजूद हैं।
रोज होगा 5 हजार मरीज का इलाज
वर्तमान में गोरखपुर एम्स में रोज 1,800-2,000 मरीज का इलाज हो रहा है। उद्घाटन के बाद रोज 5000 से अधिक मरीजों के इलाज की उम्मीद है। पूर्वांचल क्षेत्र के लोगों की चिकित्सा संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए जल्द ही अन्य 16 सुपर स्पेशियलिटी विभाग खोले जाएंगे। एम्स गोरखपुर में ऑन्कोलॉजी विभाग पहले से ही काम कर रहा है। यहां कैंसर के रोगियों को रेडियोथेरेपी दी जाती है। विभाग को जल्द ही 18 करोड़ रुपए की लागत से दोहरी ऊर्जा वाली रेडियोथेरेपी मशीन मिलेगी।
एम्स में 83 नई फैकेल्टी जॉइन कर चुकी है, जिसमें से 50 जूनियर और 50 सीनियर डॉक्टर्स हैं। 165 से अधिक पैरामेडिकल स्टाफ की भर्ती हो चुकी है और अभी भी लगातार भर्ती प्रक्रिया चल रही है। यहां पर पढ़ाई की भी शुरुआत हो चुकी है। 2019 के पहले बैच में MBBS के 50 छात्र 2020 में MBBS 125 छात्र पढ़ाई कर रहे हैं, साथ ही आने वाले दिनों में यहां पर MD और DM सहित अन्य स्पेशलिस्ट कोर्स की भी शुरुआत होगी।
पीएम मोदी ने 22 जुलाई 2016 को किया था शिलान्यास
गोरखपुर में एम्स की स्थापना की मांग करीब डेढ़ दशक पुरानी है। पीएम मोदी जब भाजपा की तरफ से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार थे, तब 2014 के चुनावों में उन्होंने पूर्वांचल में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने का वादा किया था। इसके बाद जब वे प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने गोरखपुर में एम्स खोलने की बात कही थी। लेकिन तत्कालीन सपा सरकार ने जमीन को लेकर मामला उलझा दिया था। किसी तरह बात बनी और कूड़ाघाट स्थित गन्ना संस्थान को दूसरी जगह शिफ्ट कर 120 एकड़ में गोरखपुर एम्स बनाने का निर्णय लिया गया। पीएम मोदी ने 22 जुलाई 2016 को गोरखपुर एम्स का शिलान्यास किया था।
एम्स गोरखपुर एक नजर में
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