बसपा प्रमुख मायावती ने राष्ट्रपति पद के लिए एनडीए की प्रत्याशी मुर्मू को समर्थन देने का ऐलान किया है। गुरुवार को मायावती ने स्पष्ट किया कि यह समर्तन एनडीए को नहीं दिया गया है। यह मुर्मू को समर्थन है।
लखनऊ: राष्ट्रपति चुनाव की उम्मीदवार मुर्मू को समर्थन देने के बाद आज बसपा सुप्रीमो मायावती ने इसके पीछे का कारण बताया है कि उन्होनें क्यों उनको समर्थन दिया है। बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने स्पष्ट किया कि द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति चुनाव के लिए समर्थन देने का ऐलान सत्ताधारी भाजपा या राजग की हिमायत के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए। मायावती ने कहा कि सिर्फ अनुसूचित जनजाति की महिला होने के कारण ही द्रौपदी मुर्मू को समर्थन दिया गया है।
मायावती ने पदाधिकारियों के साथ की बैठक
मायावती ने प्रदेश के सभी 18 मंडलों के वरिष्ठ पदाधिकारियों तथा अन्य प्रमुख जिम्मेदार पदाधिकारियों की बैठक में देश में अगले राष्ट्रपति के लिए हो रहे चुनाव की चर्चा करते हुए कहा कि 'बसपा ने अनुसूचित जनजाति समाज की महिला द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने का फैसला किसी व्यक्ति अथवा पार्टी विशेष की बजाय अनुसूचित जनजाति समुदाय के बहुजन समाज के अभिन्न अंग होने के नाते किया है।'
उन्होंने आगे कहा कि 'स्पष्ट किया कि बसपा ने यह फैसला स्वतंत्र होकर किया है। यह न तो सत्ताधारी राजग के पक्ष में है और ना ही विपक्षी संप्रग (संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन) के खिलाफ। इतना जरूर है कि संप्रग ने अपना संयुक्त उम्मीदवार तय करते समय बसपा को कभी भी विश्वास में नहीं लिया और ना ही सलाह-मशविरा किया।बसपा अध्यक्ष ने उत्तर प्रदेश में हाल ही में आज़मगढ़ तथा रामपुर लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव के परिणाम आने के तीन दिन बाद एक बैठक में पार्टी पदाधिकारियों को संगठन को ज़मीनी स्तर पर मजबूत बनाने व जनाधार के विस्तार के लिए काम करने को कहा है।
विरोधियों पर साधा निशाना
वैसे तो बसपा का यह प्रयास मजबूत सैद्धान्तिक व राजनीतिक आधारों पर टिका हुआ है, मगर विरोधी ताकतों के साम, दाम, दण्ड, भेद के अलावा जातिवादी संकीर्ण हथकण्डे अपनाने से पार्टी का अपार जनसमर्थन सही समय पर मतों में नहीं बदल पाता, जिसको ध्यान में रखकर पार्टी को काफी काम करना होगा। उन्होंने विशेषकर मुस्लिम समुदाय की तरफ इशारा करते हुए कहा कि एक समुदाय विशेष को खासकर इस प्रकार के घोर पार्टी विरोधी हथकण्डों से गुमराह होने से बचाना होगा।