यूपी में नई सरकार के गठन के साथ ही पूरे होंगे वादे, तैयार किया जा रहा है प्रस्ताव

समाज कल्याण विभाग के उप निदेशक आरपी सिंह की ओर से जानकारी दी गई कि संकल्प पत्र के मुताबिक प्रति लाभार्थी पर खर्च का हिसाब निकाला जा रहा है। इसी के साथ पैसा किस-किस मद में खर्च किया जाएगा इसको लेकर भी काम चल रहा है। 
 

लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Chunav 2022) को बहुमत से जीतने के साथ ही भाजपा संकल्प पत्र (BJP Sankalp Patra) के वादों को पूरा करने की दिशा में काम करेगी। इसको लेकर समाज कल्याण विभाग भी जुट गया है। प्रदेश में नई सरकार के बनते ही गरीबों की पेंशन को बढ़ाया जाएगा। इसमें वृद्धावस्था, निराश्रित महिला और दिव्यांगजन पेंशन का लाभ उठाने वाले तकरीबन एक करोड़ लाभार्थिों को लाभ मिलेगा। सरकार इनको 1000 रुपए के बजाय 1500 रुपए प्रतिमाह देगी। 

इन वादों को पूरा करने के बाद सरकार पर हर साल तकरीबन 18 हजार करोड़ रुपए का खर्च बढ़ेगा। इसी के साथ एक अन्य वादे के तहत निर्धन कन्याओं के सामूहिक विवाह के दौरान मिलने वाले 51 हजार को बढ़ाकर 1 लाख रुपए किया जाएगा। ज्ञात हो कि भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में यह वादे किए थे। प्रदेश में चुनाव से पहले यह वादा किया गया था कि यदि पुनः भाजपा सरकार चुनकर आती है तो पेंशन को 500 रुपए प्रतिमाह बढ़ाया जाएगा। सरकार के इस फैसले के बाद एक करोड़ लाभार्थियों को लाभ मिलेगा जिसमें 56 हजार लोगों को वृद्धावस्था पेंशन, 11 लाख लोगों को दिव्यांगजन पेंशन और 31 लाख से अधिक लोगों को निराश्रित महिला पेंशन के लाभार्थियों का लाभ मिलेगा। 

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समाज कल्याण विभाग के उप निदेशक आरपी सिंह की ओर से जानकारी दी गई कि संकल्प पत्र के मुताबिक प्रति लाभार्थी पर खर्च का हिसाब निकाला जा रहा है। इसी के साथ पैसा किस-किस मद में खर्च किया जाएगा इसको लेकर भी काम चल रहा है। नई सरकार के गठित होते ही प्रस्ताव को भेज दिया जाएगा। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि तकरीबन 50 हजार गरीब कन्याओं का विवाह वर्तमान वित्तीय वर्ष में करवाया जा चुका है। 

जानकारी दी गई कि सामूहिक विवाह योजना में प्रत्येक जोड़े पर अभी तक 51 हजार रुपये खर्च होते थे। इस 51 हजार में  कन्या के खाते में 35 हजार रुपये दिए जाते हैं।  जबकि विवाह संस्कार के लिए आवश्यक सामग्री जैसे कपड़े, बर्तन बिछिया, पायल आदि पर 10 हजार रुपये का खर्च  किया जाता है। इसी के साथ ही प्रत्येक जोड़े के विवाह आयोजन पर सरकार छह हजार रुपये खर्च करती है। लेकिन जब यह राशि बढ़ जाएगी तो प्रत्येक मद में होने वाला खर्च भी बढ़ जाएगा। इसको लेकर प्रारूप तैयार किया जा रहा है। सरकार के गठन के साथ ही इस पर मुहर लग जाएगी। 

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