सपा नेता आजम खान रामपुर उपचुनाव में प्रचार के दौरान कहते है कि अगर जुल्म किया होता तो बच्चा पैदा होने से पहले पूछने के लिए कह देता। इसके साथ ही उन्होंने वोट का अधिकार समाप्त करने को लेकर सरकार पर निशाना साधा है।
रामपुर: उत्तर प्रदेश की रामपुर सीट पर हो रहे उपचुनाव के लिए प्रचार के दौरान लगे आजम खान ने सरकार पर निशाना साधते हुए काफी प्रतिक्रियाएं दी है। जनसभा को संबोधित करने के दौरान वह कहते है कि मुझे जेल में रहने की कोई तकलीफ नहीं है। वजह सिर्फ यही है कि वह गुजरा हुआ कल था। एक भयानक सपने की तरह गुजर गया। मगर आगे कहते है कि जेल जाने की जो वजह थी मैं सोचता था गलत हूं लेकिन मैं यह कहने आया हूं कि मैं सही था, मैं कल भी सही था और आज में सही हूं। कल भी जालिम को अच्छा नहीं कहा था और आज भी अच्छा नहीं कहूंगा। इन सबके अलावा वह आगे कहते है कि जो आज हमारे और तुम्हारे साथ हुआ है चार सरकारों में अगर मैंने ऐसा किया होता कसम खाकर कहता हूं बच्चा मां के पेट से पैदा होने से पहले कहता कि पहले आजम खां से पूछ लो।
वोट का अधिकार समाप्त कर यह देखना चाहती है सरकार
उन्होंने कहा कि मेरे वोट का अधिकार को समाप्त कर सरकार देखना चाहती है कि आजम का वोट डालने का अधिकार समाप्त करने के बाद देश की दूसरी सबसे बड़ी आबादी को इस अधिकार से वंचित किया गया तो क्या प्रतिक्रिया होगी। आगे कहते है कि अगर इसके लिए तैयार हो तो आसिम रजा को चाहिए कि वो ऐलान कर दें कि वो अपनी उम्मीदवादी को वापस लेते हैं। अगर इतनी ही बुजदिल जिंदगी गुजारना चाहते हो तो हमसे अच्छा जानवर है जो रात में कम से कम अपने लिए खाना तो तलाश कर लेता है। आजम कहते है कि अगर अक्ल होती तो वह लोग जो आज दावा कर रहे हैं कि 35 बरस बाद हमने छोड़ा है क्या उन्हें छोड़ने के काबिल छोड़ देता उन्हें।
आसिम रजा के साथ आजम खान भी नहीं दिखा पाएंगा मुंह
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान ने जनसभा में बैठे बेटे की ओर इशारा करते हुए कहा कि बैठा है अब्दुल्ला आजम, नहीं हुआ इसके साथ इंसाफ। कानून यह है कि मां कहेगी कि बच्चा कब पैदा हुआ तो उसे ही माना जाएगा लेकिन हम बदनसीब ऐसे हैं जो इसकी पैदाइश को भी नहीं सही साबित कर सके। इस वजह से कहना चाहते है कि हम मुजरिम नहीं है, आपके मुजरिम हो सकते हैं लेकिन अत्याचारी सरकार के मुजरिम नहीं हो सकते। हम जान दे देंगे अपनी नस काट लेंगे पर इतनी बुजदिली की जिदंगी जीना चाहते हो। इस बुजदिली से अच्छी मौत है कम से कम जमाना याद तो रखेगा। उन्होंने आगे कहा कि मुझे मार दो तुम्हारे हाथ की हुई मौत बड़ी मुबारक होगी। जो पहाड़ हम पर टूटे हैं अगर हिमालय पर टूटे होता तो पिघलकर बह जाता। अगर इस बार कोई गलती हो गई तो सपा प्रत्याशी आसिम रजा के साथ-साथ यह फकीर (आजम) भी मुंह दिखाने के लायक नहीं रहेगा।