निदेशालय स्तर पर डीपीआरओ और प्रमुख अधिकारियों का प्रशिक्षण 16 फरवरी से 17 फरवरी तक होगा। जनपद स्तर पर विकास खंड स्तरीय अधिकारियों का प्रशिक्षण 18 फरवरी से 19 फरवरी तक होगा। जनपद स्तर पर आरक्षित ग्राम पंचायत, प्रधानों तथा ग्राम पंचायत क्षेत्र पंचायत तथा जिला पंचायत के आरक्षित प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्रों के आवंटन का जिला मजिस्ट्रेट द्वारा प्रस्ताव 20 फरवरी से 1 मार्च तक तैयार होगा।
लखनऊ (Uttar Pradesh) । यूपी में त्रिस्तरीय सामान्य निर्वाचन-2021 के लिए आरक्षण प्रक्रिया के कैबिनेट की बाईसर्कुलेशन से मिली मंजूरी के बाद अब इसे लागू करने का एलान हो गया है। अपर मुख्य सचिव पंचायती राज मनोज कुमार सिंह के साथ निदेशक पंचायती राज किंजल सिंह ने गुरुवार को पंचायत चुनाव की आरक्षण प्रक्रिया लागू होने की जानकारी प्रदान की। अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार ने मीडिया से बातचीत में कहा कि इस बार पंचायत चुनावों में रोटेशन लागू किया जाएगा। उन्होंने बताया कि जिला पंचायत अध्यक्ष एवं वार्ड मेंबर क्षेत्र पंचायत के सदस्य ग्राम प्रधान एवं उनके सदस्य सभी के सीटों का निर्धारण किया जा चुका है। इस शासनादेश में उनके आरक्षण आवंटन की व्यवस्था घोषित की गई है। पिछले पांच चुनावों का रिकॉर्ड देखा जाएगा।
इस तरह से तय होगा आरक्षण
अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार ने कहा कि एससी, ओबीसी महिला के क्रम में आरक्षण होगा। उन्होंने महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए कहा कि जो पद पहले आरक्षित नहीं था, उन्हें वरीयता दी जाएगी। इसके लिए 20 फरवरी तक प्रस्ताव तैयार किया जाएगा। इसके अलावा 2 से 8 मार्च तक आपत्ति दे सकेंगे। शासन द्वारा जिला पंचायत का आरक्षण का आवंटन निर्गत किया गया है। पंचायत प्रमुख का जनपद वार आरक्षण चार्ट भी जारी हो गया है। अब निदेशालय द्वारा विकासखंड वार प्रधानों के पदों का आरक्षण चार्ट तैयार कर जनपदों को उपलब्ध कराया जाएगा।
16 फरवरी से शुरू प्रशिक्षण
अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार ने कहा कि निदेशालय स्तर पर डीपीआरओ और प्रमुख अधिकारियों का प्रशिक्षण 16 फरवरी से 17 फरवरी तक होगा। जनपद स्तर पर विकास खंड स्तरीय अधिकारियों का प्रशिक्षण 18 फरवरी से 19 फरवरी तक होगा। जनपद स्तर पर आरक्षित ग्राम पंचायत, प्रधानों तथा ग्राम पंचायत क्षेत्र पंचायत तथा जिला पंचायत के आरक्षित प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्रों के आवंटन का जिला मजिस्ट्रेट द्वारा प्रस्ताव 20 फरवरी से 1 मार्च तक तैयार होगा।