
प्रयागराज (Uttar Pradesh) । विश्व हिंदू परिषद की ओर से आयोजित विराट धर्म संसद (संत सम्मेलन) में सीएए का भी मुद्दा छाया रहा। संतों ने सीएए को लेकर कहा कि अब भारत 1947 वाला नहीं है, बल्कि भारत 2020 का है। अब वह लोग सोचें (पाकिस्तान) कि उनका सिंध और बलूचिस्तान कैसे बचेगा। पीओके को हमारे वीर जवान किसी भी दिन ले सकते हैं। सरकार सीएए पर किसी भी तरह का बदलाव न करे।
सीएए का विरोध करने वाले देशद्रोही
सम्मेलन में संतों ने एक स्वर से कहा कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) देशहित में है। इसका जो विरोध कर रहे हैं वे देशद्रोही हैं। विरोधी जहां की भाषा बोल रहे हैं, वहां चले जाएं, वरना उनके खिलाफ देशद्रोह का केस दर्ज कराए जाएं।
अड़चन आई तो संत भरवाएंगे फार्म
देश में कोई भी राज्य सीएए को लागू होने से नहीं रोक सकता है। अगर कुछ राज्य सरकारें इसमें अड़चन लगाएंगी तो संत अपने यहां शिविर लगाकर बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए शरणार्थियों से नागरिकता फार्म भरवाएंगे।
गांव-गांव में करेंगे जन जागरण
नागरिकता संशोधन कानून का समर्थन सभी संत कर रहे हैं। संतों ने तय किया है कि वह इसके लिए गांव-गांव जाकर जनजागरण करेंगे।
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