
प्रयागराज (Uttar Pradesh)। विश्व हिंदू परिषद की ओर से आयोजित विराट संत सम्मेलन में राम मंदिर का मुद्दा छाया रहा। विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कार्य शुरू करने का उपयुक्त समय 25 मार्च से आठ अप्रैल 2020 तक है, क्योंकि 25 मार्च से चैत्र नवरात्र शुरू हो रहा है और आठ अप्रैल को हनुमान जयंती है। संतों की इच्छा है कि इस तिथि के बीच मंदिर निर्माण का कार्य शुरू हो जाए।
विहिप के मॉडल पर ही राम मंदिर निर्माण पर जोर
कार्यकारी अध्यक्ष की इस बात का सभी संतों ने समर्थन भी किया। इस दौरान श्री रामजन्म भूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास ने कहा कि जो मॉडल 30 वर्ष पूर्व प्रयागराज कुंभ 1989 में रखा गया और उस मॉडल के आधार पर 60 प्रतिशत पत्थर तराश कर तैयार है, उसी मॉडल पर मंदिर बनना चाहिए।
9 फरवरी के पहले ट्रस्ट की घोषणा
राम मंदिर ट्रस्ट को लेकर कहा कि इसकी घोषणा नौ फरवरी 2020 के पहले किसी भी दिन हो सकती है। इस ट्रस्ट में केंद्र, राज्य सरकार के साथ निर्मोही अखाड़े का तो प्रतिनिधित्व होना ही है। साथ ही जिन लोगों ने राम मंदिर आंदोलन की लड़ाई लड़ी है, उन्हें भी ट्रस्ट में शामिल किए जाए।
तय मॉडल पर बने मंदिर, अन्यथा नहीं जाऊंगा अयोध्या
स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती ने कहा कि अगर राम जन्मभूमि न्यास और आंदोलन में हिस्सा लेने वाले संतों को भव्य मंदिर निर्माण की जिम्मेदारी नहीं मिली तो वह न कभी अयोध्या जाएंगे और न ही सरयू स्नान करेंगे।
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