यूपी के महोबा जिले में स्वास्थ्यकर्मियों की शर्मनाक हरकत सामने आई है। बेटे के इलाज के लिए पहुंची मां ने अपने जेवर बेचे लेकिन उसके बाद भी खून की जगह ग्लूकोज की बोतल में लाल रंग मिलाकर चढ़ा दिया। जिसके बाद से बेटे की हालत बिगड़ने लगी।
महोबा: उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक लगातार अस्पतालों में पहुंचकर औचक निरीक्षण करें। लेकिन इसके बावजूद अस्पतालों में कोई सुधार नहीं देखने को मिल रहा है। ऐसा ही मामला सामने प्रदेश के महोबा जिले से सामने आया है। शहर के जिला अस्पताल में एक बुजुर्ग महिला अपने बीमार बेटे का इलाज कराने पहुंची थी। यहां डॉक्टरों ने उसे ब्लड चढ़ाने के लिए बोला। मां के पास पर्याप्त पैसे ने होने की वजह से कानों की सोने की बाली और अंगूठी को बेच दिया।
सीएमएस ने दिए जांच के आदेश
महिला का आरोप है कि विधवा महिला ने अपने जेवर बेचकर पैसों की व्यवस्था की और खून के इंतजाम के लिए पांच हजार रुपए की रिश्वत अस्पताल की महिला स्वास्थ्यकर्मी राजकुमारी को दी। स्वास्थ्यकर्मियों ने शर्मनाक हरकत की। उन्होंने मरीज को ब्लड चढ़ाने के नाम पर ग्लूकोज में लाल रंग का इंजेक्शन मिलाकर चढ़ा दिया गया। बेटे की हालत बिगड़ने और मामले को तूल पकड़ता देख जिला अस्पताल प्रशासन ने बीमार मरीज को रेफर कर दिया है। मामला सुर्खियों में आने के बाद सीएमएस ने जांच के आदेश दिए है।
खून की बोतल पर मांगे पांच हजार रुपए
पीड़ित मां के बेटे की हालत बिगड़ने पर मामला तूल पकड़ने लगा। शहर की सदर तहसील के भंडरा गांव का है। जहां पर रहने वाली 65 वर्षीय विधवा राजकुमारी अपने बेटे जुगल के साथ किराए के मकान में रहती है। सरकारी सुविधाओं के नाम पर आज तक बुजुर्ग महिला को किसी प्रकार की कोई मदद नहीं मिल सकी है। पीड़िता ने बताया कि पहली बार बेटे की तबियत खराब होने पर इलाज के लिए जिला अस्पताल पहुंचने पर कर्मचारियों ने 5 हजार रुपये ब्लड की बोतल के नाम पर लेने की बात रख दी थी। जिसे पूरा करने के लिए लाचार मां ने अपने कानों की सोने की बाली और अंगूठी को बेचने को मजबूर होना पड़ा है।
महिला कर्मचारी को तत्काल किया निलंबित
बेटे के इलाज के लिए मां ने अपने सोने के आभूषण बेचकर कर्मचारियों को पांच हजार रुपए की रिश्वत देकर मां ने बेटे का इलाज शुरू कराने की सिफारिश की थी। लेकिन स्वास्थ्यकर्मियों की हैरान करने वाली हरकरत सामने आई है। पीड़ित मां से स्वास्थ्यकर्मी ने पूरी रकम को हजम कर लिया उसके बाद ग्लूकोज में लाल रंग के इंजेक्शन मिलाकर चढ़ा दिया। बीमार बेटे की हालत बिगड़ने के बाद मां ने हंगामा किया तो अस्पताल प्रशासन ने युवक को जिला अस्पताल रेफर कर दिया है। सीएमएस डॉ आरपी मिश्रा ने बताया कि टीम गठित कर मामले में जांच के आदेश दिए है। इसके अलावा आरोपी महिला कर्मचारी राजकुमारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
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