सार
साल 2025 से पहले संगम नगरी प्रयागराज में यमुना तट पर हेलीपोर्ट का निर्माण होगा। इसके साथ ही झूंसी और अरैल में दो स्थाई हैलीपैड बनाए जाएंगे। प्रयागराज में हेलीपोर्ट बनने के बाद यह प्रदेश का पहला हेलीपोर्ट होगा।
प्रयागराज: उत्तर प्रदेश की संगम नगरी प्रयागराज में कुंभ के दौरान देश ही नहीं बल्कि विदेश से भी श्रद्धालु आते है। साल 2025 में आयोजित होने वाले संगम से पहले यात्रियों के लिए नई व्यवस्था का इंतजाम किया जा रहा है। करोड़ों श्रद्धालुओं को संगम के हवाई दर्शन कराने को लेकर कवायद तेज हो गई है। आगामी कुंभ से पहले ही हेली दर्शन योजना को लागू करने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए यमुना तट पर सभी सुविधाओं से युक्त हेलीपोर्ट का निर्माण कराया जाएगा।
राज्य का पहला हेलीपोर्ट को होगा निर्माण
यमुना तट में हेलीपोर्ट के निर्माण के अलावा झूंसी और अरैल में दो स्थायी हैलीपैड भी बनाए जाएंगे। इतना ही नहीं यमुना तट पर बोट क्लब के पास प्रस्तावित हेलीपोर्ट के लिए नए सिरे से प्रस्ताव तैयार किया गया है। संगम के पास बनने वाले यह हेलीपोर्ट प्रदेश का पहला हेलीपोर्ट होगा। इसमें एक साथ तीन हेलिकॉप्टरों की एक साथ लैंडिंग हो सकेगी और साथ ही उड़ान भी भर सकेंगे। श्रद्धालु हेलिकॉप्टर से संगम के अलावा अक्षयवट, सरस्वती कूप और समुद्र कूप के दर्शन भी कर सकेंगे। श्रद्धालुओं के लिए हेलीपोर्ट पर वेटिंग हॉल बनाया जाएगा साथ ही टिकट विंडो, फायर टेंडर की सुविधा होगी।
साल 2019 में सरकार ने बनाई थी योजना
हेलीपोर्ट के अलावा अरैल और झूंसी में दो स्थायी हेलीपैड भी बनाए जाएंगे। झूंसी थाने के पीछे आवास विकास की जमीन पर तथा अरैल में त्रिवेणी पुष्प के पास हेलीपैड बनाया जाएगा। कुंभ में श्रद्धालुओं को चिकित्सा उपलब्ध कराने के लिए एंबुलेंस भी तैनात की जाएगी। इसके लिए पर्यटन विभाग की ओर से प्रस्ताव तैयार कराया गया है। साल 2019 के कुंभ में भी सरकार ने यह योजना बनाई थी। जिसपर पांच करोड़ रुपए का बजट भी स्वीकृत किया गया था। तो वहीं निर्माण कार्य की जिम्मेदारी पीडब्ल्यूडी को दी गई थी, लेकिन हेलीपोर्ट का निर्माण तब से लटक गया था।
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