
लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की योगी सरकार (Yogi Government) के दूसरे कार्यकाल का 100 दिन पूरा होने पर मंगलवार को समाजवादी पार्टी (Samajwadi party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh yadav) ने प्रेसवार्ता कर योगी सरकार पर जमकर हमला बोला। वहीं, दूसरी ओर उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) को पत्र लिखकर उत्तर प्रदेश 2021 की दारोगा भर्ती प्रक्रिया की उच्चस्तरीय जांच कराकर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। इसके साथ ही सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपने पत्र के जरिए दारोगा भर्ती का मुद्दा उठाते हुए प्रदेश सरकार पर जमकर निशाना भी साधा।
अखिलेश ने भर्ती परीक्षा का टेंडर लेने वाली कंपनी पर उठाए सवाल
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपने पत्र में दारोगा भर्ती परीक्षा को रद्द कराकर दोबारा दारोगा भर्ती परीक्षा आयोजित कराने की भी मांग की गई है। इसके साथ ही अखिलेश यादव ने ब्लैक लिस्टेड कंपनी को दारोगा भर्ती परीक्षा कराने का टेंडर देने पर भी सवाल खड़ा किया। उन्होंने अपने पत्र के जरिए सीएम योगी से पूछा कि 6 राज्यों में ब्लैक लिस्ट फर्म NSEIT को भर्ती परीक्षा कराने का टेंडर क्यों दिया गया? यही कम्पनी 2017 उत्तर प्रदेश दारोगा भर्ती में भी सेंधमारी कर चुकी है, जिसके बाद परीक्षा रद्द करके दोबारा परीक्षा आयोजित करानी पड़ी थी, फिर 2021 में इसी कम्पनी को पुनः परीक्षा आयोजित कराने का टेंडर क्यों दिया गया?
भर्ती परीक्षा में हुई धांधली की SIT जांच कराए सरकार - अखिलेश
अखिलेश यादव ने दारोगा भर्ती में हुई धांधली को लेकर कहा कि प्रदेश की सरकार यदि ईमानदारी व पारदर्शिता का दावा करती है तो दारोगा भर्ती में हुई धांधली के मामले में एसआईटी जांच कराने पर क्यों मौन है? साथ ही भर्ती में धांधली स्क्रीन शेयर VNC APP सेन्टर खरीदकर जिस तरह से धांधली हो सकती थी, उस तरह से कराई गई। अखिलेश यादव ने अपने पत्र में आरोप लगाया कि दो माह पहले PET परीक्षा में जिन अभ्यर्थियों के 100 में से महज 15, 20, 35 नम्बर थे, उन अभ्यर्थियों ने दो माह बाद होने वाली दारोगा परीक्षा में 160, 154, 153, 150 तक सही प्रश्न हल किए।
सरकार पर अभ्यर्थियों के साथ जातिगत भेदभाव का लगाया आरोप
अखिलेश ने पत्र के माध्यम से आरोप लगाते हुए कहा है कि सरकार ने अभी हाल में 12 जून 2022 को जो रिजल्ट जारी किया, उसमें फिर से घोटाला कर दिया। साथ ही बताया गया कि कई अभ्यर्थी ऐसे हैं, जो सामान्य वर्ग और अति पिछड़ा वर्ग से आते हैं, उनको सरकार ने किसी को अनुसूचित जाति और किसी को अनुसूचित जनजाति बना दिया, जबकि उत्तर प्रदेश दारोगा भर्ती नियमावली में साफतौर पर लिखा है कि अन्य राज्य का अभ्यर्थी सामान्य वर्ग में ही गिना जाएगा, लेकिन रिजल्ट में उनको अनुसूचित जाति व अनुसूचित आरक्षण दे दिया गया। वहीं, सीएम योगी को लिखे गए पत्र में धांधली के संबंध में दिए गए विजय मिश्र, जय सिंह यादव व सावन शर्मा के शिकायती पत्र को भी संलग्न किया गया है।
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