मरते शख्स ने जताई थी इस 'राजा' को देखने की अंतिम इच्छा, कानून से ज्यादा लोग इनपर करते हैं भरोसा

यूपी की राजनीति में एक अलग राजनीतिक रसूख रखने वाले कुंडा के विधायक और जनसत्ता दल लोकतांत्रिक पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष कुंवर रघुराज प्रताप सिंह उर्फ 'राजा भैया' का गुरुवार को 50वां जन्मदिन है। ये सपा और बीजेपी सरकार में कई बार मंत्री रह चुके हैं। बीते साल इन्होंने खुद की पार्टी बना ली। hindi.asianetnews.com ने राजा भैया, उनके करीबी नवीन कुमार सिंह और डॉ कैलाश नाथ ओझा से बात की।

लखनऊ (Uttar Pradesh). यूपी की राजनीति में एक अलग राजनीतिक रसूख रखने वाले कुंडा के विधायक और जनसत्ता दल लोकतांत्रिक पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष कुंवर रघुराज प्रताप सिंह उर्फ 'राजा भैया' का गुरुवार को 50वां जन्मदिन है। ये सपा और बीजेपी सरकार में कई बार मंत्री रह चुके हैं। बीते साल इन्होंने खुद की पार्टी बना ली। hindi.asianetnews.com ने राजा भैया, उनके करीबी नवीन कुमार सिंह और डॉ कैलाश नाथ ओझा से बात की। इस दौरान राजा भैया बचपन से लेकर राजनैतिक बुलंदी तक पहुंचने की तमाम अनसुनी जानकारियां सामने आई।


कट्टर हिंदू छवि के लिए जाने जाते हैं राजा भैया के पिता 
भदरी रियासत के राजकुमार रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया का जन्म 31 अक्टूबर 1967 को प्रतापगढ़ के कुंडा में हुआ था। वे इसी क्षेत्र से विधायक भी हैं। इनके पिता उदय प्रताप सिंह अपनी कट्टर हिंदू छवि के लिए जाने जाते हैं। दादा बजरंग बहादुर सिंह हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल रह चुके हैं। राजा भैया ने लखनऊ यूनिवर्सिटी से लॉ में ग्रैजुएशन किया है। इसी यूनिवर्सिटी से इन्होंने मिलिट्री साइंस और इंडियन मेडिवल हिस्ट्री में ग्रैजुएशन की डिग्री भी ली है। 



जनता की सेवा में मिलता है सुख
राजा भैया ने बातचीत में कहा, शुरू से ही मुझे जनता की सेवा में अपार सुख मिलता है। मैं खुद भी चाहता हूं कि जनता के बीच रहूं। जनता के सुख-दुख का भागीदार रहूं। मेरे हिसाब से एक राजनेता की सबसे बड़ी पहचान भी यही होनी चाहिए कि वह जनसुलभ रहे। मैं आज जहां हूं ये समर्थकों का प्यार है। बेटे सिंधिया कालेज ग्वालियर में पढ़ते हैं। वह मेरा जन्मदिन मनाने के लिए कालेज से घर आए हैं। मैं ये जन्मदिन अपने लखनऊ स्थित आवास पर बच्चों व समर्थकों के साथ मनाऊंगा। 

राजनीति में आने से पहले भी सुनते थे लोगों की समस्याएं
राजा भैया के करीबी और पार्टी के महासचिव डॉ कैलाश नाथ ओझा बताते हैं, जब राजा भैया पढ़ाई पूरी कर कुंडा आए तो उस समय राजनीति में इनकी कोई दिलचस्पी नहीं थी। उस समय भी उनके पास रोजाना क्षेत्र के सैकड़ों लोग अपनी समस्याएं लेकर आते थे। वहीं से लोगों के कहने पर उन्होंने पॉलिटिक्स में आने का मन बनाया और पिता से चुनाव लड़ने की परमिशन मांगी, लेकिन मना कर दिया गया। जब ये रोज राजनीति में जाने की बात करने लगे तो उनके पिता ने कहा-आप बंगलुरु में हमारे गुरुजी के पास जाइए और उनसे आदेश लीजिए। अगर वह परमिशन देंगे तो आप चुनाव लड़ सकते हैं। जिसके बाद गुरुजी की परमिशन के बाद राजा भैया 1993 में पहली बार निर्दलीय चुनाव में उतरे और विजयी रहे। तब से इनका विजय रथ जारी है।

Latest Videos

जब शख्स ने अंतिम इच्छा में कही ये बात 
राजा भैया यूथ ब्रिगेड के सदस्य व प्रधान संघ के जिलाध्यक्ष पिंटू सिंह ने बताया, राजा भैया के पास क्षेत्र के ही नहीं पूरे प्रदेश के लोग अपनी समस्याएं लेकर आते हैं। सभी को ये भरोसा होता है कि वो उनकी संमस्याओं का निदान अवश्य करेंगे। एक बार भोला शर्मा नाम का शख्स गंभीर बीमारी से पीड़ित था। उसके पास इलाज के लिए पैसे नहीं था। इसकी जानकारी जब राजा भैया को हुई तो उन्होंने तत्काल उसे इलाज के लिए लखनऊ भेजा। साथ ही उसके इलाज का पूरा खर्च उठाया। यही नहीं, उसके परिवारवालों को उन्होंने अपने सरकारी आवास में रुकवाया। भोला का महीनों तक पीजीआई में इलाज चला। लेकिन उसकी बीमारी बढ़ चुकी थी। डॉक्टर ने उसे घर ले जाने की सलाह दी। जिसके बाद उस बीमार व्यक्ति ने अपनी अंतिम इच्छा राजा भैया को देखने की जाहिर की। उसके परिजन उसे लेकर राजा भैया की बेंती कोठी पहुंचे। वह राजा को दखते ही वो बोला मुझे मेरे भगवान के दर्शन हो गए। जिसके बाद राजा भैया भी भावुक हो गए। कुछ ही देर बाद ही उसकी मौत हो गयी।

मिट्टी के चूल्हे का बना खाना है पहली पसंद
पिंटू सिंह बताते हैं, राजा भैया को मिट्टी के चूल्हे पर बना खाना बेहद पसंद है। उन्होंने अपने सभी कोठियों में मिट्टी की चूल्हा बनवा रखा है। मिट्टी के चूल्हे की बनी रोटी उन्हें बेहद पसंद है। उनका जीवन बेहद सादगी भरा है। वह त्यौहार भी क्षेत्र के लोगों के साथ मनाते हैं। होली में वह क्षेत्र के लोगों के बीच चले जाते हैं। कोई उन्हें रंग से तो कोई कीचड़ से नहलाता है, लेकिन आज तक उन्हें कभी बुरा नहीं लगा। यही सब बाते उन्हें और नेताओं से लग करती है। इसके आलावा वह अपने चचेरे भाई अक्षय प्रताप सिंह (सदस्य विधान परिषद), विनोद सरोज (विधायक), शैलेन्द्र कुमार (पूर्व सांसद) व अपने सभी करीबी ब्लाक प्रमुखों व प्रधानों को जनता के बीच रहने की सलाह देते हैं।

Share this article
click me!

Latest Videos

'ये सरकार ने जान बूझकर...' संभल में बवाल पर अखिलेश का सबसे बड़ा दावा, कर देगा हैरान
संभल जामा मस्जिद: क्यों उग्र हो गई भीड़, हालात हुए तनावपूर्ण । Sambhal Jama Masjid Dispute
'मैं आधुनिक अभिमन्यु हूं...' ऐतिहासिक जीत पर क्या बोले देवेंद्र फडणवीस । Maharashtra Election 2024
महाराष्ट्र में महायुति की ऐतिहासिक जीत के साथ महा विकास अघाड़ी को लगा है एक और जबरदस्त झटका
'बसपा अब नहीं लड़ेगी कोई उपचुनाव'BSP Chief Mayawati ने खुद बताई बड़े ऐलान की वजह