ज्ञानवापी मामले में 4 जुलाई को होगी अगली सुनवाई, दोनों पक्षों की दलील सुनकर कोर्ट ने दी तारीख

ज्ञानवापी मामले में अगली सुनवाई 4 जुलाई को होगी। इससे पहले सोमवार को कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों के बीच जमकर गहमागहमी देखी गई। इसी के साथ फास्टट्रैक कोर्ट में हुई सुनवाई मामले में 8 जुलाई की अगली तारीख दी गई।

वाराणसी: ज्ञानवापी मामले में कोर्ट में सोमवार को सुनवाई पूरी हुई। कोर्ट की ओर से कहा गया कि इस केस में 4 जुलाई को अगली सुनवाई होगी। मामले में सोमवार को सुबह सुनवाई हुई और इसके बाद मामले में फैसले को सुरक्षित रख लिया गया था। 4 बजे जिस फैसले का इंतजार सभी लोग कर रहे थे उसमें बताया गया कि मामले में अगली सुनवाई 4 जुलाई को होगी। इससे पहले वादी और प्रतिवादी पक्ष के बीच गहमागहमी का माहौल देखा गया। इस बीच ज्ञानवापी से जुड़े दूसरे मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई हो रही है। सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट में हुई सुनवाई के बाद जज ने इस मामले में 4 जुलाई को अगली सुनवाई होगी। इस बीच किरण सिंह की याचिका पर सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष की ओऱ से कॉपी रिपोर्ट सौंपने की भी मांग की गई। 

अहम बताया जा रहा था सोमवार का दिन 
गौरतलब है कि ज्ञानवापी मस्जिद विवाद मामले को लेकर सोमवार 30 मई का दिन काफी ज्यादा अहम माना जा रहा था। लोगों का मत था कि इस मामले में सोमवार 30 मई को फैसला आ सकता है। हालांकि जब जज की ओर से शाम चार बजे इस मामले में आगे की सुनवाई के तारीख दी गई। सोमवार को श्रृंगार गौरी केस के पोषणीयता पर जिला जज की अदालत में बहस के बाद ये निर्णय सामने आया। इस दौरान कमीशन की कार्यवाही से जुड़े हुए फोटो और वीडियो भी सभी पक्षों को सौंपे जाएंगे। इसके बाद इस हफ्ते में इस पर आपत्ति मांगी गई है। ज्ञानवापी मामले को लेकर फास्ट ट्रैक कोर्ट में हुई सुनवाई के बाद 8 तारीख को अगली सुनवाई होगी। फास्ट ट्रैक कोर्ट के जज महेंद्र कुमार पांडे ने 8 जुलाई की  तारीख दी गई है। 

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निर्मोही अखाड़े ने भी पेश किया दावा 
इस बीच निर्मोही अखाड़े की ओऱ से भी ज्ञानवापी मामले में अपना दावा पेश किया गया। इसमें निर्मोही अखाड़े की ओर से शिवलिंग के पूजा के अधिकार की मांग की गई है। महंत राजेंद्र दास ने बताया कि ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले में कोर्ट में परिवाद दाखिल करेंगे। उनकी मांग होगी की सभी सनातनी लोगों को वहां पर दर्शन का अधिकार मिल सके। राजेंद्र दास की ओर से बताया गया कि वह राम मंदिर मामले में भी पक्षकार थे। उन्होंने उस लड़ाई को भी सुप्रीम कोर्ट तक लड़ा था। 

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