
लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) और शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) के बीच गुरुवार को हुई मुलाकात के बाद दोनों के बीट गठबंधन को लेकर एक बार फिर से चर्चाएं तेज हो गई हैं।सपा राष्टीय अध्यक्ष अखिलेश यादव चाचा शिवपाल से मुलाकात करने के लिए उनके आवास पर पहुंचे। चाचा-भतीजे के बीच लगभग 40 मिनट तक बातचीत चलती रही।
2017 चुनाव से पहले सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और शिवपाल के बीच मनमुटाव हो गया था। जिसके बाद दोनों में दूरियां बढ़ती चली गई। करीब 6 साल बाद फिर से शिवपाल यादव और अखिलेश यादव के बीच मुलाकात उनके घर पर हुई है।
60 से 70 सीटों पर शिवपाल का असर
शिवपाल यादव पश्चिम, अवध और बुंदेलखंड के करीब 10 जिलों की 60 से 70 सीटों पर असर रखते हैं। इसके पीछे की वजह है कि उनका अभी भी सहकारी समितियों पर कब्जा है। साथ ही वह अपने कोर वोट बैंक यादव को भी सहेज कर चल रहे हैं। उनकी पकड़ यूपी के 9% यादव वोट बैंक पर है।
2017 में सपा को मिले थे 22% वोट, 2019 में शिवपाल को मिले सिर्फ 0.3% वोट
चुनावी आंकड़ों के नजरिए से देखे तो शिवपाल यादव मैदान में कहीं भी नहीं टिकते हैं। सपा से अलग होकर 2018 में लोकसभा चुनाव में अपनी पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के चुनाव चिह्न पर उतरे शिवपाल यादव ने यूपी की 47 लोकसभा सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे। खुद फिरोजाबाद से चुनाव लड़े।
इस लड़ाई में रामगोपाल यादव के बेटे अक्षय यादव हार गए और भाजपा के कैंडिडेट जीत गए। लोकसभा चुनावों में शिवपाल यादव की पार्टी को सिर्फ 0.3% वोट मिले। हालांकि, ज्यादातर जगहों पर शिवपाल ने सपा को नुकसान पहुंचाया। 2017 में जसवंतनगर विधानसभा सीट से जीते शिवपाल यादव को 63% से ज्यादा वोट मिले थे। सपा 2017 में 311 सीट पर चुनाव लड़ी थी। तब उसे 22% वोट मिले थे।
सीटों के बंटवारे को लेकर बातचीत
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष किरणमय नंदा अखिलेश यादव की मुलाकात के बाद शिवपाल यादव के घर पहुंचे हैं। माना जा रहा है कि वह दोनों पार्टियों के बीच होने वाले फैसले को लेकर अंतिम रूप देंगे।
मुलाकात पर बीजेपी ने साधा निशाना
चाचा- भतीजे के बीच हुई मुलाकात के बाद राजनीतिक गलियारों में चार्चाएं तेज हो गयी हैं। इसको लेकर विपक्ष की तरफ से भी बयानबाजी शुरु हो गयी है। बीजेपी प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने शिवपाल और अखिलेश की मुलाकात पर तंज कसते हुए कहा कि चुनाव आते ही एक हो गए चाचा और भतीजे एक हो जाते हैं। अखिलेश सरकार में जनता ठगा हुआ महसूस कर रही थी। उन्होंने कहा कि यूपी की जनता परिवारवादी संगठन को पूरी तरह नकार चुकी है। उत्तर प्रदेश में एक बार फिर 2022 में विकास के मॉडल बीजेपी की सरकार बनने जा रही है।
अखिलेश-शिवपाल की मुलाकात पर हंगामा शुरू, देखिए बीजेपी ने क्या बोला
चाचा शिवपाल और अखिलेश के बीच मुलाकात खत्म, गठबंधन के लेकर हो सकता है बड़ा ऐलान
उत्तर प्रदेश में हो रही राजनीतिक हलचल, प्रशासनिक फैसले, धार्मिक स्थल अपडेट्स, अपराध और रोजगार समाचार सबसे पहले पाएं। वाराणसी, लखनऊ, नोएडा से लेकर गांव-कस्बों की हर रिपोर्ट के लिए UP News in Hindi सेक्शन देखें — भरोसेमंद और तेज़ अपडेट्स सिर्फ Asianet News Hindi पर।