यूपी विधानसभा चुनाव के रिजल्ट को लेकर लगी अनोखी शर्त, बदायूं के दो ग्रामीणों का करारनामा हो रहा वायरल

यूपी विधानसभा चुनाव की मतगणना का काउंटडाउन शुरू हो चुका हैं, कुछ घंटों से ही मात्र दूर हैं। ऐसे में गांव गलियों में सरकार किसकी बनेगी, इस पर बहस छिड़ी हुई है। बहस के साथ-2 मतदाताओं ने अनोखी शर्त तक लगा ली है। इतना ही नहीं बदायूं के दो ग्रामीणों का एक पत्र भी वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने समस्त ग्रामवासियों के नाम शर्त का पत्र लिखा।

Asianet News Hindi | Published : Mar 9, 2022 5:06 AM IST / Updated: Mar 09 2022, 10:44 AM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh Vidhansabha Chunav) सोमवार की शाम यानी 7 मार्च से संपन्न हो चुका है। वोटिंग के बाद एग्जिट पोल भी जारी हो गए है। साथ ही यह राज्य का चुनाव ही नहीं बल्कि एक नेताओं की एक परीक्षा की तरह होता है। यूपी का विधानसभा चुनाव बड़ा ही रोचक होता है। यहां राजनीतिक पार्टियों के साथ-साथ कार्यकर्ता तो पूरा दम लगाते ही हैं। लेकिन इसके साथ ही यहां मतदाता भी चुनाव में पूरी रुचि लेते हैं। मतगणना का काउंटडाउन शुरू हो चुका हैं, कुछ घंटों से ही मात्र दूर हैं। ऐसे में गांव गलियों में सरकार किसकी बनेगी, इस पर बहस छिड़ी हुई है। बहस के साथ-2 मतदाताओं ने अनोखी शर्त तक रख लगा ली है। इतना ही नहीं बदायूं के दो ग्रामीणों का एक पत्र भी वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने समस्त ग्रामवासियों के नाम शर्त का पत्र लिखा।

कोरे कागज पर हुई लिखा पढ़ी
यह बहस जिला बदायूं के कस्बा ककराला में ऐसी ही एक बहस के दौरान दो खेतिहर किसानों ने अपनी-अपनी पार्टी की सरकार बनने का दावा करने लगे। बहस इतनी बढ़ गई कि पंचायत बुला ली गई। पंचायत के सामने तय हुआ कि दोनों किसानों में से जिसकी पार्टी की सरकार बनेगी, उसे दूसरा किसान एक साल के लिए अपनी जमीन खेती करने के लिए देगा। इसके लिए बाकायदा कोरे कागज पर लिखा पढ़ी की गई।

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राजनीतिक गलियारों से लेकर सोशल मीडिया तक है चर्चा
ब्लाक म्याऊँ क्षेत्र का गांव बिरियाडांडी शेखूपुर विधानसभा में आता है। इस बिरियाडांडा गांव से पंचायत पत्र वायरल हो रहा है। जिसने जनपद के ही नहीं गैर जनपद के अलावा राजनीतिक गलियारों से लेकर सोशल मीडिया तक चर्चा है। यहां के दो किसानों में गांव के चौराहे पर ऐसी बहस हुई जो बड़े फैसला के लिये पंचायत में बदल गयी। गांव निवासी विजय एक पार्टी के पक्ष में बोल रहे हैं, वहीं शेर अली दूसरी पार्टी के समर्थन में हैं। विजय सिंह और शेर अली के बीच बहस हुई विजय सिंह बोले सरकार 10 मार्च को हमारी पार्टी की ही बन रही है तो शेर अली बोले दस मार्च को सरकार हमारी पार्टी की बन रही है। बहस करते-करते दोनों लोगों ने चार बीघा जमीन सालभर के लिये फसल करने को दाव पर लगा दी।

12 गवाह ने पत्र को किया है तैयार
चुनावी बहस की शर्त को स्वीकारने के लिये गांव में प्रमुख ग्रामीणों को बुलाकर पंचायत लगाई गई और भरी पंचायत में स्वीकार किया की भाजपा की सरकार बनी तो शेर अली शाह चार बीघा जमीन विजय सिंह को सालभर तक फसल करने को देंगे। अगर सपा की सरकार बनी तो विजय सिंह चार बीघा जमीन शेर अली शाह को सालभर के लिये फसल करने के लिये देंगे। इस बात से मुकर न जायें इसके लिये गांव के प्रमुख लोग किशनपाल सेंगर, जय सिंह शाक्य, कन्ही लाल, राजाराम, उमेश, राजीव कुमार, सतीश कुमार सहित 12 गवाह ने पत्र तैयार कराया और उस पर अपनी गवाही दी है। भरी पंचायत में पत्र लिखा गया और फैसला हुआ इसके बाद यह पत्र जनपद में वायरल हुआ है। देखिए उस वायरल पत्र को जिसमें दोनों ग्रामीणों की लिखा-पढ़ी हुई है।

 

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