BSP सुप्रीमो का यूपी चुनाव से पहले ऐलान, कहा- सत्ता में आए तो सरकारी कर्मचारियों के लिए होगा विशेष आयोग का गठन

यूपी विधानसभा चुनाव के लिए बसपा सुप्रीमो मायावती ने रविवार को अलीगढ़ में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी सरकार सत्ता में आती है तो गन्ना सहित अन्य फसलों की एमएसपी को प्रदेश में बढ़ाया जाएगा। सरकारी कर्मचारी आए दिन अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन करते हैं। उनके लिए एक आयोग का गठन किया जाएगा। 

Asianet News Hindi | Published : Feb 6, 2022 1:00 PM IST / Updated: Feb 06 2022, 06:36 PM IST

अलीगढ़: यूपी विधानसभा चुनाव (UP Vidhansabha Election) आज से ठीक चौथे दिन राज्य में पहले फेज की वोटिंग होनी है। इसको लेकर राजनीतिक दलों के बीच जुबानी जंग पहले से ज्यादा तेज होती जा रही है। एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी जारी है। इसी कड़ी में बसपा सुप्रिमो व पूर्व सीएम मायावती (Mayawati) रविवार को अलीगढ़ के नुमाइश मैदान में पहुंची। उन्होंने जनसभा को संबोधित करते समय कांग्रेस, सपा और भाजपा पर जमकर प्रहार किया। बसपा प्रमुख कहती है कि कांग्रेस व सपा दलितों के विरोधी है। वहीं भाजपा सरकार में दलितों का सबसे ज्यादा शोषण हुआ है। लेकिन बसपा सिर्फ ऐसी पार्टी है जो सभी समाज को साथ में लेकर आगे बढ़ती है और समान रूप से सबके विकास के लिए हमेशा काम करती रही है।

जनसभा के दौरान अलीगढ़ के साथ ही एटा, कासगंज और हाथरस के प्रत्याशी भी अलीगढ़ में मौजूद रहे और पूर्व सीएम ने उनके समर्थन में आमजनों से वोट की अपील की। उन्होंने कहा कि चार बार प्रदेश का मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने सिर्फ विकास किया है। आगे भी जनता ने उन्हें चुना तो वह विकास को ही आगे बढ़ाएंगी।

कांग्रेस ने अंबेडकर को नहीं दिया भारत रत्न
मायावती ने मंच से संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार केंद्र और प्रदेश में जब भी रही तो हमेशा दलितों की विरोधी रही। यही कारण है कि भारत रत्न डॉ भीमराव अंबेडकर को कांग्रेस ने भारत रत्न नहीं दिया। जबकि वह इसके सच्चे हकदार थे। ऐसा सिर्फ कांग्रेस ने अपने जातिवादी रवैये की वजह से किया। इसके साथ जब कांशीराम का देहांत हुआ तो भी केंद्र में कांग्रेस की ही सरकार थी। लेकिन अपनी जातिवादी सोच के कारण कांग्रेस ने उनके निधन पर राष्ट्रीय शोक नहीं घोषित किया। दलितों के विरोध में मंडल कमीशन को कांग्रेस ने ही लागू किया।

सपा ने तनावपूर्ण स्थिति की पैदा
समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए मायावती ने कहा कि सपा की सरकार में हमेशा तनावपूर्ण स्थिति ही रहती है। जगह जगह दंगे फसाद होते रहते हैं। इनका विकास सिर्फ एक क्षेत्र और विशेष समुदाय तक ही सीमित रहता है। इसके साथ ही यह पार्टी भी दलितों की विरोधी है। सपा ने कभी भी समाज के संतों और महापुरुषों को सम्मान नहीं दिया। बल्कि जब मौका मिला तो उनके नाम को हटाने का काम किया है। इसी के चलते सपा ने पंचशील नगर का नाम हापुड, संत रविदास नगर का नाम भदोही, भीमनगर को संभल, छत्रपति शाहूजी महाराज मेडिकल कालेज का नाम किंग जार्ज कर दिया। इसके साथ कई और जगहों पर समाज के मसीहाओं के नाम बदले। दलित विरोधी नीतियो के कारण ही अखिलेश सरकार ने एससी एसटी का सरकारी ठेकों में आरक्षण खत्म कर दिया। पदोन्नति में आरक्षण का बिल को भी संसद में फाड़ दिया। इसलिए समाजवादी पार्टी को सत्ता में नहीं आने देना है।

भाजपा जातिवादी व तानाशाही सरकार
मायावती ने कहा कि अन्य सरकारों की तरह ही भाजपा सरकार भी दलितों के प्रति जातिवादी मानसिकता रखती है। भाजपा की नीतियां व कार्यशैली जातिवादी, पूंजीवादी व आरएसएस के संकीर्ण एजेंडें को आगे बढ़ाने वाली है। धर्म के नाम पर यह तनाव व नफरत को आगे बढ़ाने का काम करते हैं। प्रदेश में भाजपा आने के बाद आने के बाद अपराध बढ़ते गए और सबसे ज्यादा दलितों व महिलाओं पर अपराध हुए। हाथरस का उदाहरण देते हुए कहा कि दलित और महिलाएं इस सरकार में सुरक्षित नहीं रही हैं। प्रदेश के गरीब, मजदूर व बेरोजगारों के साथ दलित, पिछड़ों, मुस्लिमों व अन्य पिछड़े समाज के लिए चलने वाली सरकारी योजनाओं को भाजपा सरकार ने ठीक से लागू नहीं दिया और पात्र लोगों को लाभ नहीं दिया। सरकारी नौकरियों में भी आरक्षण के कोटे को पूरा नहीं किया गया है।

चुनाव के कारण कम करें डीजल-पेट्रोल दाम
बसपा सुप्रीमो ने कहा कि आज महंगाई बढ़ती जा रही है। बीते दिनों डीजल पेट्रोल के दाम लगातार बढ़ते गए। लेकिन चुनाव आने से पहले इसके दामों को घटा दिया गया। मायावती ने कहा कि भाजपा की नीतियों को देखते हुए ऐसा लगता है कि चुनाव खत्म होने के बाद इनके दामों को फिर से बढ़ा दिया जाएगा। इसलिए प्रदेश के लोगों को बिना भेदभाव के अपना मतदान करना होगा। जिससे उनकी सरकार प्रदेश में आ सके और विकास की योजनाओं को फिर से बेहतर तरीके से लागू किया जा सके।

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