यूपी में यास तूफान का असरः 60 घंटे तक रफ्तार से चलेगी हवा, बिगड़ रहा है मौसम, इन जिलों में अलर्ट जारी

Published : May 27, 2021, 06:34 AM ISTUpdated : May 27, 2021, 06:37 AM IST
यूपी में यास तूफान का असरः 60 घंटे तक रफ्तार से चलेगी हवा, बिगड़ रहा है मौसम, इन जिलों में अलर्ट जारी

सार

तीन-चार दिनों तक पूर्वी यूपी से लेकर मध्य यूपी तक आंधी बारिश की वजह से तापमान में कमी आएगी। मौसम विभाग के अनुमान के मुताबिक यास तूफान का असर पश्चिमी यूपी के जिलों पर नहीं पड़ेगा। हालांकि आमतौर पर माना जा रहा है कि 1 जून से मौसम पूरी तरह खुल जाएगा।

लखनऊ (Uttar Pradesh) । बंगाल की खाड़ी से उठे चक्रवातीय तूफान यास का यूपी में भी असर देखने को मिल रहा है। पूर्वांचल के कई जिलों में बादल छाए हुए हैं। वहीं, मौसम विभाग द्वारा जारी अनुमान के मुताबिक 27 और 28 मई को प्रदेश के पूर्वी हिस्से में भारी से भारी बारिश हो सकती है। बताया जा रहा है कि इन जिलों में 50 से 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं भी चलेंगी।इसमें पूर्वांचल के साथ-साथ तराई के भी कई जिले शामिल हैं। हालांकि प्रशासन ने भी संबंधित कई  जिलों में अलर्ट जारी किया है।

इन जिलों में हो सकती है ज्यादा बारिश
मौसम विभाग के अनुमान के मुताबिक 27 मई की सुबह से लेकर 28 मई की सुबह तक कुशीनगर, गोरखपुर, देवरिया, बलिया, मऊ और गाजीपुर में भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है। इन जिलों में 50 से 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं भी चलेंगी।

इन जिलों में भी हो सकती है बारिश
सिद्धार्थ नगर, बस्ती, महाराजगंज, अंबेडकर नगर, जौनपुर, आजमगढ़, वाराणसी, भदोही, चंदौली, मिर्जापुर और सोनभद्र में हल्की से भारी बारिश का अनुमान लगाया गया है। 

इन जिलों में जारी ऑरेंज अलर्ट
28 तारीख की सुबह से लेकर 29 तारीख की सुबह तक जिन जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। उनमें श्रावस्ती, बलरामपुर, गोंडा, सिद्धार्थ नगर, संत कबीर नगर, महाराजगंज, कुशीनगर, गोरखपुर, देवरिया, बलिया, अंबेडकरनगर, आजमगढ़ और मऊ है। इसके अलावा इसी दिन बस्ती, अयोध्या, सुल्तानपुर और जौनपुर में हल्की से भारी बारिश का अनुमान लगाया गया है।

पश्चिमी यूपी में नहीं रहेगा असर
तीन-चार दिनों तक पूर्वी यूपी से लेकर मध्य यूपी तक आंधी बारिश की वजह से तापमान में कमी आएगी। मौसम विभाग के अनुमान के मुताबिक यास तूफान का असर पश्चिमी यूपी के जिलों पर नहीं पड़ेगा। हालांकि आमतौर पर माना जा रहा है कि 1 जून से मौसम पूरी तरह खुल जाएगा।

वज्रपात से बचाव के लिए क्या करें, क्या न करें 
- शरीर के बालों का खड़ा होना तथा त्वचा में झुरझुरी महसूस संकेत है कि आपके आसपास बिजली गिरने वाली है 
- रबर सोल के जूते व टायर से सुरक्षा मिलती है 
- बिजली गिरने को खिड़की से न देखें 
- बादलों की गड़गड़ाहट होने या बिजली चमकने पर सुरक्षित स्थान पर जाएं 
- आसमान में बिजली चमकने के दौरान घर में फ्रिज, कम्प्यूटर, टेलीविजन से बिजली डिस्कनेक्ट कर दें। मोबाइल का उपयोग न करें। 
- बिजली चमकने के दौरान लम्बे पेड़, खंबो या धातु की वस्तुओं से दूर रहें 
- वज्रपात से घायल व्यक्ति को तत्काल अस्पताल से ले जाएं 
- कंक्रीट की फर्श पर न लेटें, कंक्रीट की दीवारों का सहारा न लें 
- क्षतिग्रस्त इमारत में न जाएं, उबला हुआ या क्लोरीनयुक्त पानी पीएं 

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