UP Election 2022: बीजेपी का एक और विकेट गिरा, दो दिन में सात कद्दावर नेताओं ने दिया इस्तीफा

 कामकाज से कार्यकर्ता के साथ-साथ आलाकमान नेता भी खुश नहीं थे। टिकट कटने की सूची में भी इनका नाम शामिल था ऐसा लोग बता रहे थे। वहीं कुछ दिनों पहले जैन समाज के लोगों ने भी एक मंदिर प्रकरण में इनका नाम व एक लोगों को पीटने के आरोप लगाए थे और पूरे जिले में इसका तगड़ा विरोध हुआ था। हालांकि कुछ दिनों पहले इस मामले का पटाक्षेप भी हो गया।
 

लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (Uttar pradesh vidhansabha Chunav) से ठीक पहले बीजेपी को झटके पर झटके मिल रहे हैं। दरअसल पार्टी के बड़े-बड़े चेहरे एक के बाद एक इस्तीफा दिए जा रहे हैं। बीते दिनों योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्य ने इस्तीफा देकर यूपी की सियासत में हलचल मचा दी थी तो वहीं अब इस फेहरिस्त में बीजेपी के और विधायक शामिल हो गए हैं। दरअसल फिरोजाबाद के शिकोहाबाद विधानसभा से बीजेपी विधायक मुकेश वर्मा ने भी इस्तीफा दे दिया है। फिलहाल खबर आ रही है कि मुकेश वर्मा स्वामी प्रसाद मौर्य के घर में मौजूद हैं। 

शिकोहाबाद के विधायक ने छोड़ी पार्टी
फिरोजाबाद जिले के शिकोहाबाद विधान सभा सीट से विधायक डॉ मुकेश वर्मा (Mukesh Verma) ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) छोड़ दी है और स्वामी प्रसाद मौर्या से मिलने उनके घर पहुंचे हैं। उन्होंने कहा, 'भाजपा सरकार द्वारा 5 वर्ष के कार्यकाल में दलित, पिछड़ों और अल्पसंख्यक समुदाय के नेताओं और जनप्रतिनिधियों को कोई तवज्जो नहीं दी गई और उपेक्षा की गई। इस कारण मैं भारतीय जनता पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देता हूं।'

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दो दिन के भीतर बीजेपी से सात विधायकों ने दिया इस्तीफा
गौरतलब है कि दो दिन के भीतर बीजेपी से इस्तीफा देने वाले मुकेश वर्मा सातवें विधायक हैं। वहीं वर्मा ने अपने पत्र में लिखा है कि बीजेपी में अल्पसंख्यक समुदाय से आने वाले नेताओं को तवज्जो नहीं दी गई। सरकार में किसानों, छोटे कारोबारियों और बेरोजगारों की उपेक्षा की गई है। बता दें कि वर्मा ने बीजेपी की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया है।इस्तीफा देने के बाद विधायक मुकेश वर्मा ने  कहा कि हमें बीजेपी ने धोखा दिया है। जहां स्वामी मौर्या जी जाएंगे।।वहीं हम जाएंगे, अभी बहुत विधायक संपर्क में हैं।

पार्टी चल रही थी डॉ. मुकेश से नाखुश
भाजपा सूत्रों की मानें तो डॉ. मुकेश वर्मा के कामकाज से कार्यकर्ता के साथ-साथ आलाकमान नेता भी खुश नहीं थे। टिकट कटने की सूची में भी इनका नाम शामिल था ऐसा लोग बता रहे थे। वहीं कुछ दिनों पहले जैन समाज के लोगों ने भी एक मंदिर प्रकरण में इनका नाम व एक लोगों को पीटने के आरोप लगाए थे और पूरे जिले में इसका तगड़ा विरोध हुआ था। हालांकि कुछ दिनों पहले इस मामले का पटाक्षेप भी हो गया।

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