अखिलेश बोले- बिना जांच के चला बुलडोजर, पलटवार करते हुए डिप्टी सीएम केशव ने कहा- अखिलेश को क्यों होता है दर्द

सर्किट हाउस में प्रेस वार्ता के दौरान उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि उत्तर प्रदेश दंगा मुक्त प्रदेश है। पत्थरबाजों और दंगाइयों को समझ लेना चाहिए कि उनको बचाने के लिए अखिलेश यादव ट्वीट जरूर कर सकते हैं लेकिन कानून की सख्ती से बचाया नहीं जा सकता। 

Asianet News Hindi | Published : Jun 12, 2022 1:20 PM IST

मेरठ: बीते शुक्रवार को प्रयागराज में हुई हिंसा के बाद रविवार को आरोपी के घर पर बुलडोजर चलाया गया है। इस कार्रवाई के बाद से राजनीतिक बयाबाजी तेज हो गई है। सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने कहा कि बिना जांच पड़ताल बुलडोजर से सजा दी जा रही है। तो उनके इस बयान पर दोनो डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक मैदान में उतर आए।

'अखिलेश यादव को क्यों दर्द हो रहा है'
सर्किट हाउस में प्रेस वार्ता के दौरान उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि उत्तर प्रदेश दंगा मुक्त प्रदेश है। पत्थरबाजों और दंगाइयों को समझ लेना चाहिए कि उनको बचाने के लिए अखिलेश यादव ट्वीट जरूर कर सकते हैं लेकिन कानून की सख्ती से बचाया नहीं जा सकता। 

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उन्होंने आगे कहा कि अखिलेश यादव को पत्थरबाजों और दंगाइयों की पिटाई जरूर दिखाई दे रही है, लेकिन यह दिखाई नहीं दे रहा कि किस तरह पत्थरबाज पुलिसकर्मियों पर पथराव कर रहे थे। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि अब पुलिस पत्थरबाज और दंगाइयों की पिटाई कर रही है तो यह समझ में नहीं आ रहा कि आखिर अखिलेश यादव को क्यों दर्द हो रहा है। 

उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक का अखिलेश को पलटवार
उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने पलटवार करते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी को पत्थरबाजों और आतंकियों में हमेशा से ही शांतिदूत नजर आते हैं। वाराणसी, अयोध्या और लखनऊ में भी कुछ साल पहले जब आतंकियों ने बम ब्लास्ट कर कई बेगुनाहों की जान ली थी तब उन कथित शांति दूतों की पैरवी के लिए सपा हाई कोर्ट तक चली गईं थी।

अखिलेश ने ट्वीट में लिखी थी ये बात
सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने हिंसक प्रदर्शनकारियों के खिलाफ यूपी पुलिस की कार्रवाई पर सवाल खड़ा करते हुए प्रदेश सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि ये कहां का इंसाफ है कि जिसकी वजह से देश में हालात बिगड़े और दुनिया भर में सख्त प्रतिक्रिया हुई वो सुरक्षा के घेरे में हैं और शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों को बिना वैधानिक जांच पड़ताल बुलडोजर से सजा दी जा रही है। इसकी अनुमति न हमारी संस्कृति देती है, न धर्म, न विधान, न संविधान।'

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