UPCBL: 146 करोड़ रुपए की हेराफेरी मामले में दो गिरफ्तार, रिटायर्ड अफसर के साथ मिलकर रचा गया था पूरा खेल

लखनऊ के हजरतगंज में स्थित यूपी कोऑपरेटिव बैंक में 146 करोड़ रुपये की हेराफेरी करने के मामले में साइबर पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इस दौरान बैंक को 74 करोड़ रुपए वापस मिल गए हैं। वहीं 72 करोड़ रुपए अभी भी मिलने बाकी हैं। 

Asianet News Hindi | Published : Oct 20, 2022 11:47 AM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के हजरतगंज में स्थित कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड में साइबर जालसाजों द्वारा 146 करोड़ रुपए चोरी करने का मामला सामने आया था। साइबर पुलिस ने मामले पर फौरन एक्शन लेते हुए जांच शुरूकर दी थी। पुलिस ने अब यूपी कोऑपरेटिव बैंक में 146 करोड़ रुपये के हुए ट्रांसफर का खुलासा कर दिया है। बताया जा रहा है कि भूमि सागर कंस्ट्रक्शन के खातों में 74 करोड़ रुपये जमा किए गए थे। इस मामले में साइबर पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार लोगों में एक बैंक का रिटायर अफसर आरएस दुबे व भूमि सागर कंस्ट्रक्शन का मालिक है।

शासन को रिपोर्ट पेश करेगी कमेटी
सरकार ने 146 करोड़ रुपये की हेराफेरी के लिए जांच कमेटी बनाई थी। बता दें कि विशेष सचिव अच्छेलाल की अध्यक्षता में गठित की गई समिति विस्तृत जांच कर शासन को अपनी रिपोर्ट पेश करेगी। इसके अलावा दो अन्य तरह की साइबर क्राइम की टीम और मुख्य महाप्रबंधक स्तर से भी अलग जांच की गई। बैंक के अध्यक्ष तेजवीर सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि मुख्य महाप्रबंधक एनके सिंह की अध्यक्षता में चार सदस्यीय जांच समिति इस मामले की जांच कर रही है। शासन को रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद बैंक की व्यवस्था में सुधार किए जाएंगे और दोषी कर्मियों के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा। 

बैंक में बैठकर की गई करोड़ों की हेराफेरी
तेजवीर सिंह ने बताया कि बैंक से 146 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए थे। इसमें से 74 करोड़ रुपए HDFC और ICICI बैंक से वापस मिल गया है। वहीं बाकी 72 करोड़ रुपए आवश्यक कानूनी कार्रवाई होने के बाद बैंक को वापस मिल जाएंगे। बताया जा रहा है कि UPCBL बैंक में बैठकर ही 146 करोड़ रुपए की हेराफेरी को अंजाम दिया जा रहा था। बैंक अध्यक्ष ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज में बैंक के सेवानिवृत्त प्रबन्धक सहित तीन लोग दिखाई दिए है। जिनसे पुलिस मामले की पूछताछ कर रही है। उन्होंने कहा कि इस मामले में यदि किसी बैंक कर्मचारी या अधिकारी की मिलीभगत सामने आती है तो उसके खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

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