UP में बनेगा मेडिकल डिवाइस पार्क, 60 हजार युवाओं को रोजगार मिलने के साथ विदेशों में होगी दवाओं की सप्लाई

उत्तर प्रदेश में चार बिलियन की लागत से मेडिकल डिवाइस पार्क बनेगा और 60 हजार युवाओं को रोजगार मिलने के साथ विदेशों में दवाओं की सप्लाई होगी। इसके साथ ही मेडिकल उपकरणों को भी विदेशों में सप्लाई की जाएगी। 

Asianet News Hindi | Published : Nov 20, 2022 1:26 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार राज्य में चार बिलियन की लागत से मेडिकल डिवाइस पार्क बनाने जा रही हैं। मुख्यमंत्री योगी ने प्रदेश की अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए मेडिकल इंडस्ट्री पर फोकस करने के निर्देश दिए हैं। राज्य सरकार की इस पहल से पूरे प्रदेश में अर्थव्यवस्था में उछाल आने के साथ ही स्थानीय लोगों को सस्ता इलाज, दवा और जांच की बेहतर सुविधा मिलने की उम्मीद भी जगी हैं। मेडिकल डिवाइस पार्क की स्थापना से हर साल 60 हजार रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे।

विदेशी कंपनियों में किया जाएगा सप्लाई
मेडिकल डिवाइस पार्क और बी फार्मा के रूप में मध्य और विकसित करने के लिए राज्य सरकार प्रदेश की योजना है। इसके साथ ही फॉर्मा पार्क खरीदने पर कंपनी को ब्याज पर सब्सिडी, बुनियादी, सुविधाओं के निर्माण पर ब्याज पर सब्सिडी देगी। इस वजह से कंपनी को कुल लागत पर 15 प्रतिशित के  साथ स्टांप शुल्क पर भी छूट दी जा सकती है। प्रदेश में बने मेडिकल डिवाइस और दवाओं को फ्रांस, जर्मनी, साउथ एशिया और यूएसए में सप्लाई किया जाएगा। यहां पर चिकित्सीय उपकरण और दवा की काफी डिमांड है। चिकित्सीय उपकरण में जैसे- लैब उपकरण, सूचर, नीडल, डेंटल किट आदि की सप्लाई की जा सकती है जबकि उपकरण में एक्स-रे मशीन के पाटर्स आदि शामिल हैं। दूसरी ओर राज्य में मेडिकल इंडस्ट्री की स्थापना से मेटल, कांच, मशीनरी, केमिकल और प्लास्टिक इंडस्ट्री में भी ग्रोथ होगी क्योंकि बिना इन इंडस्ट्री के फॉर्मा कंपनी अपने प्रोडेक्ट को तैयार नहीं कर सकती है। इससे रोजगार के साधन भी उपलब्ध होंगे।

गौतमबुद्धनगर में बनेगा मेडिकल डिवाइस पार्क
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक उच्च स्तरीय बैठक में कहा कि वर्तमान में मेडिकल इंडस्ट्री में काफी ऑपर्च्युनिटी है क्योंकि यह हाईटेक और डिमांडिंग इंडस्ट्री है। बल्कि पूरे देश में यूपी में सबसे ज्यादा सालाना लगभग 74 हजार फॉर्मा ग्रेजुएशन की पढ़ाई बच्चे पूरी करते हैं। इस वजह से राज्य में यूपी को मेडिकल हब के रूप में आसानी से विकसित किया जा सकता है। मध्य और पश्चिमी यूपी के कुछ शहर ज्यादा बेहतर हैं और यह शहर एक्सप्रेस-वे के आस-पास मौजूद हैं। इसके लिए गौतमबुद्धनगर स्थित जेवर एयरपोर्ट के पास जमीन को चिह्नित कर लिया गया है। जल्द ही यहां पर मेडिकल डिवाइस पार्क के निर्माण का काम शुरू हो जाएगा। दूसरी ओर गाजियाबाद, लखनऊ, कानपुर नगर, गोरखपुर और हापुड़ में फॉर्मा पार्क का निर्माण किया जाएगा। इन सबके अलावा यहां पर पहले से छोटी-छोटी मेडिकल कंपनियां हैं। वर्तमान में मेडिकल के क्षेत्र में यूपी ग्रोथ स्टेट वैल्यू एडिशन एक बिलियन डॉलर से कम है, इसे बढ़ाकर दो से तीन बिलियन डॉलर करने की जरूरत है। ऐसे में इसे बढ़ाने के लिए मेडिकल डिवाइस पार्क को विकसित करने के लिए गौतमबुद्धनगर को चुना गया है। 

17 सौ एकड़ जमीन की पड़ेगी जरूरत 
ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि राज्य में मेडिकल इंडस्ट्री की स्थापना से हर साल 60 हजार रोजगार के नए अवसर पैदा करेंगे जबकि अभी यह आंकड़ा बीस हजार से चालीस हजार प्रति साल का है। इससे प्रोडेक्शन, पैकेजिंग, सुपरवाइजर, प्रोडेक्शन मशीन ऑपरेटर, क्वालिटी कंट्रोल केमिस्ट, मैनेजर इत्यादि के क्षेत्र में रोजगार सबसे अधिक उपलब्ध होंगे। फॉर्मा पार्क की स्थापना के लिए योगी सरकार ने जमीन खरीदकर 50 प्रतिशत तक ब्याज पर सब्सिडी और फॉर्मा पार्कों के अंदर बुनियादी सुविधाओं के साथ सामान्य सुविधाओं के निर्माण पर 60 प्रतिशत तक ब्याज पर सब्सिडी देगी। साथ ही कुल लागत पर 15 प्रतिशत तक सब्सिडी देने के साथ जमीन खरीद पर स्टांप शुल्क में छूट देगी। करीब एक हजार से लेकर 17 सौ एकड़ जमीन की जरूरत मेडिकल इंडस्ट्री के रूप में विकसित करने के लिए लगेगी। इसके लिए योगी सरकार 3 से 4 बिलियन डॉलर खर्च करेगी।

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