
लखनऊ : लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा पर शुरू हुई सियासत लगातार जारी है। खासकर कांग्रेस इस मामले को भूनाने में पूरी तरह जुट गई है। कांग्रेस (congress) सरकार पर हमलावर है। एक के बाद एक कांग्रेस नेताओं का लखीमपुर आना जारी है। इन सबके बीच नवजोत सिंह सिद्धू (navjot singh sidhu) ने लखीमपुर खीरी (lakhimpur kheri) में पीड़ित परिवारों से मुलाकात की। सिद्धू मृतक किसान लवप्रीत के घर भी पहुंचे थे। इसके साथ ही वह पत्रकार रमन कश्यप के भी घर गए। अब वहीं पर भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं।
मंत्री के बेटे की गिरफ्तारी तक नहीं हटूंगा
सिद्धू की मांग है कि जब तक केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे की गिरफ्तारी नहीं होती, वे हड़ताल खत्म नहीं करेंगे। सिद्धू ने मौनव्रत से पहले कहा कि जब तक अजय मिश्रा के बेटे आशीष के ऊपर कार्रवाई नहीं होती, जांच में शामिल नहीं होते. वे यहां भूख हड़ताल पर बैठेंगे। उन्होंने कहा, इस बयान के बाद मैं मौन हूं और किसी से कोई बात नहीं करूंगा। इतना ही नहीं सिद्धू ने पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों से घर वापस जाने की अपील की है। उन्होंने कार्यकर्ताओं से लिखित में यह बात कही।
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आखिर क्यों नहीं हो रही गिरफ्तारी
नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot singh sidhu)के साथ पंजाब सरकार में मंत्री विजयेंद्र सिंगला, पंजाब कांग्रेस के SC विंग के प्रधान विधायक राजकुमार चब्बेवाल के अलावा वर्किंग प्रेसिडेंट कुलजीत नागरा और विधायक मदन जलालपुर भी गए थे। सिद्धू ने भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधा और कहा कि लखीमपुर खीरी की घटना इंसाफ और लोकतंत्र का कत्ल करने का प्रयास है। उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवार इंसाफ चाहता है। उसे पैसे नहीं चाहिए। उन्होंने सवाल किया कि आखिर मंत्री के बेटे को गिरफ्तार क्यों नहीं किया जा रहा है? उन्होंने कहा कि अगर रखवाले ही जुल्म करने लगे तो फिर गरीब आदमी किसके दरवाजे पर जाएगा। उन्होंने ट्वीट भी किया और लिखा - न्याय में देरी, अन्याय के बराबर है। केंद्रीय मंत्री के बेटे द्वारा नृशंस हत्याओं के शिकार लवप्रीत के परिवार के साथ।
गुरुवार को हिरासत में थे सिद्धू
इससे पहले नवजोत सिंह सिद्धू सहित पंजाब कांग्रेस के कई नेताओं को गुरुवार को लखीमपुर खीरी (lakhimpur kheri)जाने से रोककर उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के एक पुलिस स्टेशन में हिरासत में ले लिया गया था। सिद्धू के नेतृत्व में प्रदर्शनकारियों को हरियाणा, यूपी की सीमा पर रोका गया, जहां यूपी पुलिस ने अवरोधक लगाए थे। पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी भी कुछ देर के लिए सिद्धू के साथ शामिल हुए।
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