मध्य प्रदेश, राजस्थान के बाद अब उत्तर प्रदेश में भी बारिश कहर बरपाने लगी है। सबसे बुरी हालत प्रयागराज की है। जहां के हालात बेकाबू हो गए हैं। यहां गंगा-यमुना नदी अपना रौद्र रूप दिखा रही हैं।
प्रयागराज (उत्तर प्रदेश). मध्य प्रदेश, राजस्थान के बाद अब उत्तर प्रदेश में भी बारिश कहर बरपाने लगी है। सबसे बुरी हालत प्रयागराज की है। जहां के हालात बेकाबू हो गए हैं। यहां गंगा-यमुना नदी अपना रौद्र रूप दिखा रही हैं। अगर हालत नहीं सुधरे तो करीब 3 हाजार गांव डूब सकते हैं। दोनों नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। नदी किनार बने श्मशान पूरी तरह डूब गए हैं। ऐसे में लोगों को अंतिम संस्कार करने में काफी दिक्कत आ रही है।
नदियों का जलस्तर खतरे के निशान पर
दरअसल, बारिश के चलते गंगा-यमुना नदियां उफान पर हैं। मौसम विभाग ने अलर्ट जारी कर रखा है। दोनों नदियों का जलस्तर 3 से 4 सेमी. प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है। विशेषों के मुताबिक यही हालात रहे तो शनिवार रात को नदियों का जलस्तर खतरे से ज्यादा हो जाएगा।
प्रयागराज पूरी तरह से जलमग्न हो चुका
नदियों किनारे बसे गांव में पानी घुसने लगा है। लोग सरकारी भवनों और छावनी क्षेत्र के ओल्ड कैंट हाईस्कूल में शरण लेने पर मजबूर हो गए हैं। प्रयागराज पूरी तरह से जलमग्न हो चुका है। हर तरफ पानी ही पानी दिखाई दे रहा है।
श्मशान घाट भी डूबे, सड़क किनारे हो रहा अंतिम संस्कार
भारी बारिश के चलते प्रयागराज के दारागंज श्मशान घाट भी डूब गया है। आलम यह हो गया है कि लोग सड़क किनारे शव जलाने के लिए मजबूर हो गए हैं। आलम यह हो गया है कि प्रशासन ने बाढ़ के प्रभावी नियन्त्रण के लिए कलेक्ट्रेट परिसर में कन्ट्रोल रूम खोला गया है।
इन जगहों के हालात सबसे खराब
प्रयागराज में गंगा का पानी खतरे पर आने पर बेली कछार, गंगापुरी, नेवादा कछार, अशोक नगर कछार, दशाश्वमेध घाट, म्योराबाद, जोंधवल, शंकरघाट, बघाड़ा, सलोरी, राजापुर, ऊंचवागढ़ी, शिवकुटी, कैलाशपुरी कालोनी, चिल्ला कछार, नीवां, छतनाग, बदरा सोनौटी, हेतापट्टी, इलाकों में पानी घुस गया है।