
लखनऊ: यूपी में प्रदेश के 15 करोड़ गरीबों को मुफ्त राशन का वितरण लोकसभा चुनाव 2024 तक करने की तैयारी है। यह योजना होली के बाद बंद होने वाली थी पर इसे विस्तार देने की तैयारी राज्य सरकार कर रही है। इस संबंध में जल्द ही अंतिम निर्णय लिया जाएगा। जनता को होली व दिवाली पर महंगाई से राहत देने के लिए एक-एक गैस सिलेंडर भी देने की तैयारी है। इसका प्रस्ताव खाद्य व रसद विभाग ने शासन को भेज दिया है।
प्रदेश में कोरोना काल के दौरान गरीबों को मुफ्त राशन देने की योजना शुरू की गई थी जिसे नवंबर 2021 तक जारी रखना था पर चुनाव और कोरोना के कारण लोगों की आमदनी पर पड़े प्रभाव को देखते हुए योगी सरकार ने मार्च के अंत तक इस योजना के जारी रखने का एलान किया था। अब सरकार इस योजना को लोकसभा चुनाव 2024 तक विस्तार देने की तैयारी में है।
योजना के तहत अंत्योदय कार्ड धारकों को 35 किलो अनाज और पात्र गृहस्थी कार्ड धारकों को प्रति यूनिट पांच किलो अनाज (तीन किलो गेहूं व दो किलो चावल) दिया जाता है।
विधानसभा चुनाव में योगी सरकार के सुशासन यानी बेहतर कानून-व्यवस्था तथा डिलीवरी सिस्टम यानी लाभार्थियों तक कारगर तरीके से लाभार्थीपरक योजनाओं का लाभ पहुंचाने में मिली सफलता का असर साफ नजर आया। माना जा रहा है कि लाभार्थी वर्ग की वोटिंग ने जाति और धर्म के आधार पर वोटिंग पैटर्न को बदलने की शुरुआत कर दी है। सरकार अब डिलीवरी सिस्टम को और मजबूती से आगे बढ़ाएगी।
योगी सरकार ने प्रदेश में सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों का एक बड़ा समूह तैयार किया। इस समूह में महिलाएं, आदिवासी, दलित, ओबीसी और अल्पसंख्यक शामिल हैं। प्रदेश में 15 करोड़ से अधिक लोगों को योगी सरकार ने पीएम आवास योजना के अंतर्गत घर, खाद्यान्न योजना के तहत मुफ्त राशन, शौचालय व उज्ज्वला योजना का लाभ मुहैया कराया। योगी सरकार में हर जिले के लिए एक जैसी व्यवस्था पर अमल हुआ। इसका नतीजा ये हुआ कि बेरोजगारी, महंगाई और जातीय गोलबंदी जैसी विपक्ष की तमाम कोशिशों की काट भाजपा ने इसी लाभार्थी वर्ग के बूते की।
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