वाराणसी: मधुमक्खी पालन और शहद निर्यात से बदलेंगे किसानों की सूरत, जानिए क्या है खास प्लान

यूपी के जिले वाराणसी में कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव ने मधुमक्खी पालन और शहद निर्यात से किसानों की सूरत बदलेगी। उन्होंने मिट्टी की गुणवत्ता के साथ-साथ स्प्रिंकलर विधि से सिंचाई पर जोर दिया है।

Asianet News Hindi | Published : Sep 23, 2022 6:41 AM IST

अनुज तिवारी
वाराणसी:
कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव डॉ. अभिलक्ष लिखी ने गुरुवार को भारतीय सब्जी अनुसंधान केंद्र, राष्ट्रीय बीज अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र का दौरा किया। इस दौरान यहां चल रहे अनुसंधान कार्य के बाबत जानकारी ली। इसके बाद मधुमक्खी पालन और एग्री स्टार्टअप हनी वैल्यू चेन विषय पर आयोजित कार्यशाला में भाग लिया। उन्होंने मिट्टी की गुणवत्ता बनाए रखने और स्प्रिंकलर विधि से सिंचाई पर जोर दिया। इससे पानी की बचत होगी। 

किसानों को आर्थिक तौर पर मिलेगी मजबूती
सचिव डॉ. लिखी ने कहा कि मधुमक्खी पालन और शहद के निर्यात से किसानी की सूरत बदलेंगे। मशरूम उत्पादन, चेरी टमाटर, बेबीकार्न और मधुमक्खी पालन ही किसानों को आर्थिक तौर पर मजबूत करेगा। छोटे और सीमांत मधुमक्खी पालक किसानों से उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन और शहद मिशन (NBHM) के तहत आपकी आमदनी बढ़ाई जाएगी। आपको सशक्त बनाने के लिए सभी हितधारकों यानी सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय, खादी और ग्रामोद्योग आयोग, मधुमक्खी समितियों और एजेंसियों जैसे NDDB, नैफेड और ट्राइफैड से भी वार्ता होगी।

Latest Videos

संस्थानों समेत सेन्टर्स ने ऑनलाइन लिया भाग
कार्यशाला में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की बागवानी इकाई के सभी 22 संस्थान तथा भारत सरकार से पोषित 40 सेन्टर ऑफ एक्सीलेन्स (इण्डो इजराइल एवं इन्डोडच) के प्रतिनिधियों ने भी ऑनलाइन भाग लिया। अतिरिक्त सचिव ने केंद्र में चल रहे अनुसंधान कार्य पर संतोष जताया। उन्होंने मशरूम उत्पादन, चेरी टमाटर, बेबीकार्न एवं मधुमक्खी पालन पर विशेष ध्यान देने पर जोर दिया। संस्थान को इन क्षेत्रों में परियोजना बनाने की सलाह दी। उन्होंने छोटे और सीमांत मधुमक्खी पालक किसानों को लाभकारी आमदनी का तरीका बताया। उन्होंने आग्रह किया कि मधुमक्खी पालक किसानों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से सभी हितधारकों यानी सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई) / खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी), मधुमक्खी समितियों और एजेंसियों जैसे एनडीडीबी, नैफेड और ट्राइफैड को शामिल करते हुए राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन और शहद मिशन (एनबीएचएम) के तहत प्रयास किए जाने चाहिए।

ज्ञानवापी में मिले शिवलिंग की कार्बन डेटिंग की हुई मांग, 29 सितंबर को होगी मामले की अगली सुनवाई

Share this article
click me!

Latest Videos

ईरान की कमर तोड़ देगा इजराइल का एक खतरनाक प्लान, कर देगा दाने-दाने का मोहताज । Iran । Israel
ईरान इजराइल के बीच अगर छिड़ी जंग तो क्या पड़ेगा भारत पर असर? Israel-Iran Conflict
ईरान युद्ध में उतरा तो दुनिया में मचेगा हाहाकार! आ जाएगा Oil और Gas का संकट
Rahul Gandhi LIVE: राहुल गांधी का हरियाणा के महेंद्रगढ़ में जनता को संबोधन।
नवरात्र में भूलकर भी न करें ये 5 काम, जानें किन-किन चीजों का रखना चाहिए ध्यान । Navratri 2024