Inside Story: 47 अरब की परियोजनाओं का भविष्य तय करेंगे वाराणसी के मतदाता, जानिए पूरा समीकरण

Published : Mar 06, 2022, 11:24 AM IST
Inside Story: 47 अरब की परियोजनाओं का भविष्य तय करेंगे वाराणसी के मतदाता, जानिए पूरा समीकरण

सार

वाराणसी में करीब 47 अरब से अधिक की योजनाएं चल रही है, जिसका शिलान्यास मोदी सरकार ने किया है। अब दस मार्च को ये पता चलेगा की पूर्वांचल को विकास की रफ़्तार देने वाली ये योजनाएं अटकेंगी, भटकेंगी या लटकेंगी।

अनुज तिवारी
वाराणसी:
उत्तर प्रदेश में 7 मार्च को काशी के विकास की दिशा यहां की जनता तय करने वाली है। वाराणसी में करीब 47 अरब से अधिक की योजनाएं चल रही है, जिसका शिलान्यास मोदी सरकार ने किया है। अब दस मार्च को ये पता चलेगा की पूर्वांचल को विकास की रफ़्तार देने वाली ये योजनाएं अटकेंगी, भटकेंगी या लटकेंगी। रोजगार से लेकर विकास के कई क्षेत्रों की परियोजनाओं की किस्मत आने वाले सरकार पर निर्भर करेगी। काशी के यातायात को सुगम बनाने वाली देश की पहली रोपवे व 19 मंजिल की प्रदेश की पहली डमरू के आकार की प्रस्तावित स्काई वाक बिल्डिंग का भविष्य भी काशी के वोटरों के हाथ होगा। 

पूर्व की सरकारें लटकाती, भटकाती और अटकाती रही
विकास की योजनाओं का शिलान्यास के बाद खुद ही लोकार्पण करना भाजपा की नीतियों में शामिल है। ये योजनाएं नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र की हो तो इसकी गंभीरता और बढ़ जाती है। वाराणसी में प्रधानमंत्री द्वारा शिलान्यास की हुई करीब 75 से अधिक महत्वपूर्ण योजनाएं गतिमान है। जिसकी लागत 47 अरब 71 करोड़ 94 लाख (4771.94 करोड़) हैं। ये योजनाएं मुख्यतः युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के साथ ही पूर्वांचल के विकास की गाथा लिखने वाली साबित हो सकती है। मोदी कई बार अपने भाषण में भी बोलै है कि जिस प्रोजेक्ट का वे शिलान्यास करते है। उसका उद्घाटन भी करते है, जबकि पूर्व की सरकारें योजनाओं को लटकाती, अटकाती और भटकाती रही है। सियासी इतिहास को देखते हुए लोगों को भय है कि दशकों बाद पूरब में निकले विकास के सूरज पर कहीं सियासी ग्रहण न लग जाए। इसलिए सात मार्च को काशी समेत पूर्वांचल की जनता राजनीतिक पार्टियों की नहीं बल्कि अपने भविष्य का रोड मैप खुद तैयार करेगी। और विकास की चल रही योजनाओं को अंतिम परिणीति तक ले जाएगी। 

काशी में योजनाएं दे रही संजीवनी देने का काम
वाराणसी में चल रही योजनाओं में मुख्यतः बनारस की यातायात को संजीवनी देने वाली लहरतारा फुलवरिया मार्ग, संत रविदास जन्मस्थली का पर्यटन विकास, ग्रामीण क्षेत्र पिंडरा में फायर स्टेशन, बाबतपुर कपसेठी भदोही रोड पर फोर लेन आरओबी, सेंटर फॉर स्किलिंग एंड टेक्निकल सपोर्ट (CIPET ), वाराणसी अर्बन गैस डिस्ट्रीब्यूशन प्रोजेक्ट, सीवेज़ के बड़े काम, ट्रांस वरुणा क्षेत्र में सीवर हाउस चैम्बर को जोड़ने की प्रक्रिया, किसानों की आय दोगुनी करने के लिए पैक हाउस, आईटीआई, अटल आवासीय स्कूल, सम्पूर्णानन्द स्टेडियम में विकास कार्य, स्टेडियम में सिंथेटिक एथलीट ट्रैक, खिड़कियां घाट का पुनर्विकास, अस्पताल, आवास, पेयजल, शिक्षा आदि है । 

इसके अलावा प्रस्तावित देश का पहला पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए रोपवे और प्रदेश का पहला 19 मंजिल का डमरू के आकार का स्काईवॉक बिल्डिंग है। इसके एक टावर में मंडलीय कार्यालय व दूसरा टावर कमर्शियल उपयोग प्रस्तावित है। बनारस समेत पूर्वांचल के विकास को चार चांद लगाने वाली इन योजनाओं को परवान चढ़ाने का निर्णय भी काशी के मतदाताओं को बहुत जिम्मेदारी से लेना होगा।

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