मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक डीएम ने कहा है कि 26 अप्रैल को 149 ऑक्सीजन सिलिंडर, 27 अप्रैल को 121 व 28 अप्रैल को 117 सिलिंडर पारस अस्पताल को दिए गए थे। साथ बी अस्पताल के पास 16 सिलिंडर रिजर्व थे। ऐसे में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं थी।
आगरा (Uttar Pradesh) । आखिरकार पारस अस्पताल को मंलवार को सील कर दिया गया। बता दें कि इसी हॉस्पिटल का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें ऑक्सीजन की कमी के मॉकड्रिल के दौरान 22 लोगों की मौत का दावा किया जा रहा है। हालांकि एशियानेट हिंदी डॉट कॉम इस बात की पुष्टि नहीं करता है। वहीं, डीएम प्रभु एन सिंह ने कहा है कि अस्पताल प्रशासन के खिलाफ महामारी अधिनियम में मुकदमा दर्ज होगा। अस्पताल में 55 मरीज भर्ती हैं, जिन्हें सीएमओ की टीम शिफ्ट कराएगी। दूसरी ओर अस्पताल प्रबंधन ने 26-27 अप्रैल के मृतकों का ब्योरा भी जारी किया है। साथ ही दावा किया है कि ऑक्सीजन बंद करने का कोई मॉकड्रिल नहीं हुआ है। जबकि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी वायरल हो रहे वीडियो ट्टीट कर सरकार से कई सवाल किए हैं।
यह है पूरा मामला
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पारस अस्पताल में 26 अप्रैल को सुबह सात बजे पांच मिनट के लिए ऑक्सीजन बंद कर मॉकड्रिल की गई थी। बताते हैं कि मिनट के चार वीडियो वायरल हुए। इनमें पारस अस्पताल के संचालक अरिंजय जैन बता रहे हैं कि इस मॉकड्रिल से 22 मरीजों का दम घुटने लगा था और उनके हाथ-पैर नीले पड़ गए थे। इस दौरान अस्पताल में 96 मरीज भर्ती थे। जिसकी खबर लगने के बाद जिला प्रशासन से लेकर शासन तक हड़कंप मचा हुआ है। पूरे मामले की मजिस्ट्रियल जांच कराई जा रही है।
प्रियंका ने वीडियो ट्टीट कर पूछे ये सवाल
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने इस वीडियो को पोस्ट किया है, जिसमें पारस अस्पताल के संचालक अरिंजय जैन यह कह रहे हैं कि 5 मिनट के लिए ऑक्सीजन की आपूर्ति बंद कर दी गई और 22 मरीजों की मौत हो गई। साथ ही प्रियंका ने अपने ट्टीट में लिखा है कि 'पीएम कहते हैं कि मैंने ऑक्सीजन की कमी नहीं होने दी। सीएम कहते हैं कि ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं। कमी की अफवाह फैलाने वालों की संपत्ति जब्त होगी। मंत्री ने कहा, मरीजों को जरूरत भर ऑक्सीजन दें। ज्यादा ऑक्सीजन न दें। आगरा अस्पताल में ऑक्सीजन खत्म थी। 22 मरीजों की ऑक्सीजन बंद करके मॉक ड्रिल की। जिम्मेदार कौन?' वहीं, यूपी के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह का कहना है कि पारस अस्पताल में ऑक्सीजन उपलब्ध कराने में समस्या की शिकायत मिली है। जांच की जा रही है और जांच पूरी होने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।
मौत को लेकर डीएम ने कही ये बातें
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक डीएम ने कहा कि ऑक्सीजन की कमी से 22 मरीजों की मौत की बात निराधार है। ऑक्सीजन कमी से एक भी मौत नहीं हुई है। अस्पताल में हुई सभी मौतों का अलग से सीएमओ टीम से ऑडिट कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि तथाकथित वायरल वीडियो में कहा गया है कि मोदीनगर ड्राई हो गया है। इससे जन सामान्य में भय फैला। यह कृत्य महामारी में ठीक नहीं है।
ऑक्सीजन की नहीं थी कोई कमी
घटना के बाद यह बात सामने आई कि अस्पताल को पर्याप्त ऑक्सीजन सिलिंडर की सप्लाई की गई थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक डीएम ने कहा है कि 26 अप्रैल को 149 ऑक्सीजन सिलिंडर, 27 अप्रैल को 121 व 28 अप्रैल को 117 सिलिंडर पारस अस्पताल को दिए गए थे। साथ बी अस्पताल के पास 16 सिलिंडर रिजर्व थे। ऐसे में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं थी।