Live: लखीमपुर खीरी हिंसा पर सुप्रीम कोर्ट ने लिया संज्ञान, चीफ जस्टिस गुरुवार को करेंगे सुनवाई

लखीमपुर खीरी में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया है। गुरुवार को चीफ जस्टिस एनवी रमना की अध्यक्षता वाली 3 जजों की बेंच सुनवाई करेगी। केस का टाइटल वायलेंस इन लखीमपुर खीरी लीडिंग टू लॉस ऑफ लाइफ रखा गया है। जस्टिस सूर्यकांत और हिमा कोहली भी बेंच के सदस्य हैं।

 

Asianet News Hindi | Published : Oct 6, 2021 2:48 AM IST / Updated: Feb 02 2022, 10:10 AM IST

लखनऊ: यूपी के लखीमपुर खीरी में विपक्षी नेताओं की दौड़ जारी है। क्या सपा, क्या बसपा, क्या आम आदमी पार्टी और क्या कांग्रेस सभी दल खुद को किसानों का हमदर्द बताने की होड़ में हैं। विधानसभा चुनाव को देखते हुए शायद कोई भी दल कोताही बरतने के मूड में नहीं है। यही कारण है कि लखीमपुर खीरी में सियासी नूराकुश्ती दिखाई दे रही है। कई नेता वहां पहुंच रहे हैं, कई नेताओं को हिरासत में भी लिया गया है। लेकिन विपक्षी नेताओं की कोशिश है कि किसी तरह बीजेपी सरकार पर प्रेशर बनाया जा सके। 

जानिए लखीमपुर की घटना से जुड़े Live अपडेट...

हिंदुस्तान में किसानों को कुचला जा रहा है: राहुल गांधी
इससे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर साफ किया कि वे आज ही दिल्ली जाएंगे। उनके साथ पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी होंगे। राहुल का कहना था कि लखीमपुर में धारा 144 लगी है, इसलिए हम तीन लोग जा रहे हैं। कोई कानून का उल्लंघन नहीं करेंगे। पीड़ित किसान परिवार से मिलेंगे। राहुल ने कहा कि हिंदुस्तान के किसानों पर सरकार का आक्रमण हो रहा है। किसानों को जीप के नीचे कुचला जा रहा है। उनका मर्डर हो रहा है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री और उनके बेटे पर अब तक कोई एक्शन नहीं हो रहा है। किसानों पर सिलसिलेवार हमले हो रहे हैं। किसानों का हक छीना जा रहा है। इसलिए देश के किसान दिल्ली के बाहर बैठे हैं। कल पीएम नरेंद्र मोदी लखनऊ में थे, मगर लखीमपुर नहीं गए। पोस्टमॉर्टम ठीक से नहीं किया जा रहा है। जो बोलता है, उसको बंद किया जा रहा है।

राहुल का कहना था कि यूपी में अपराधियों को खुली छूट मिली है। हमारा विपक्ष का काम प्रेशर बनाने का होता है, तब कार्रवाई होती है। सरकार नहीं चाहती कि हम प्रेशर बनाएं। देश का जो ढांचा है उसे बीजेपी और आरएसएस काबू कर रही है। आज देश में तानाशाही है। राजनेता उत्तर प्रदेश में नहीं जा सकते। कल से हमें कहा जा रहा है कि आप नहीं जा सकते। उन्होंने कहा कि चाहे प्रियंका हों मैं हूं या हमारे परिवार का कोई भी हो, हमें मैन हैंडलिंग से कोई फर्क नहीं पड़ता। हमें मार दीजिए, काट दीजिए- हमें फर्क नहीं पड़ता। यह हमारी सालों पुरानी ट्रेनिंग हैं। यह हमारे परिवार की ट्रेनिंग है। हिंदुस्तान की आवाज को कुचला जा रहा है।

प्रियंका ने कहा- आरोपी आशीष की गिरफ्तारी तक आंदोलन करूंगी

इससे पहले कांग्रेस की तरफ से योगी सरकार से राहुल गांधी के लखीमपुर खीरी जाने की अनुमति मांगी गई थी। राज्य सरकार ने धारा 144 का हवाला देकर अनुमति देने से इनकार कर दिया है। वहीं, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने साफ कर दिया है कि वे मंत्री के आरोपी बेटे आशीष की गिरफ्तारी तक आंदोलन जारी रखेंगी। बता दें कि रविवार को लखीमपुर खीरी में किसानों के विरोध-प्रदर्शन के बीच हिंसा हो गई थी। आरोप है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे की थार जीप ने सड़क पर पैदल चल रहे किसानों को रौंद दिया। घटना में 4 किसानों समेत 9 लोगों की मौत हुई है। जिले में धारा 144 लागू की गई है।

कांग्रेस ने पूछा था- यूपी-बंगाल के नेताओं को अनुमति, हमें क्यों नहीं?
इससे पहले कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चिट्ठी लिखी थी और राहुल गांधी की अगुवाई में लखीमपुर खीरी जाने की इजाजत मांगी थी। उन्होंने लिखा था कि यूपी और प. बंगाल के नेताओं को वहां जाने दिया गया, लेकिन कांग्रेस को जाने की अनुमति क्यों नहीं दी जा रही है? पुलिस ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को गिरफ्तार कर लिया है। अब प्रियंका समेत 10 अन्य लोगों के खिलाफ शांतिभंग के मामले में एफआईआर दर्ज की। इनमें कांग्रेस नेता दीपेंदर हुड्डा और अजय कुमार लल्लू के नाम शामिल हैं।
बुधवार को लखीमपुर जाएंगे राहुल गांधी, पीड़ित परिजनों से करेंगे मुलाकात, जांच के लिए SIT गठित

दरअसल, 4 अक्टूबर की अलसुबह प्रियंका को लखीमपुर खीरी जाते वक्त सीतापुर के हरगांव में हिरासत में लिया गया था। इसके बाद कल उनकी गिरफ्तारी की खबर आई। फिलहाल, प्रियंका को जिस पीएसी गेस्ट हाउस में उन्हें रखा गया था, उसे ही अस्थायी जेल घोषित कर दिया गया है। इससे पहले मंगलवार सुबह प्रियंका ने खुद को 24 घंटे से ज्यादा हिरासत में रखे जाने पर सवाल उठाए थे। उन्होंने ट्वीट कर कहा था- ‘नरेंद्र मोदी सर, आपकी सरकार ने मुझे बिना किसी आदेश और एफआईआर के पिछले 28 घंटे से हिरासत में रखा है। लेकिन किसानों को कुचलने वाले को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है। क्यों?’

प्रियंका बोलीं- मंत्री के बेटे की गिरफ्तारी तक नहीं रुकेंगे, हम ना डरेंगे, ना झुकेंगे
प्रियंका का कहना है कि वे लखीमपुर खीरी हिंसा में मारे गए किसानों के परिवारों से मिलना चाहती हैं। उन्होंने मंगलवार रात सीतापुर गेस्ट हाउस के बाहर प्रदर्शन कर रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं को फोन से संबोधित किया। कहा- जब कोई किसान संघर्ष या आंदोलन में अपनी जान गंवाता है, तब हम उसे शहीद कहते हैं। आज एक ऐसी कायर सरकार है कि इन्हीं का गृह मंत्री जनता को धमकाता है। वो जनता की आवाज से डरता है। उसका बेटा गाड़ी के पहियों तले किसानों को कुचल देता है। और ये कायरों की सरकार अपराधियों पर कार्रवाई करने के बजाय एक विपक्ष की महिला को रोकने के लिए पूरी पुलिस लगा देती है। जब ये हादसा हुआ तब कहां थी पुलिस, कहां थी ये सरकार, कहां था ये प्रशासन।

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मोदी लखनऊ आए, किसानों के आंसू क्यों नहीं पौंछे
प्रियंका का कहना था कि मोदी जी मैं आपसे पूछना चाहती हूं कि आपकी नैतिकता कहां है? उन्होंने एक श्लोक सुनाया और कहा- जनता की रक्षा सबसे बड़ा धर्म है। सभी जीवों के प्रति रक्षा और दया रखना एक राजा का धर्म है। आज मोदी जी आजादी का अमृत महोत्सव मनाने के लिए यहां से 100 किलोमीटर दूर आए थे, लेकिन किसानों के आंसू पोछने के लिए लखीमपुर खीरी नहीं आ पाए। उन्होंने कहा- हम कांग्रेस के सिपाही हैं। हम तुम्हारी तरह कायर नहीं हैं। तानाशाही के सामने नहीं झुकेंगे। मैं बुलंदी के साथ किसानों की आवाज उठाऊंगी। हमारा संघर्ष तब तक समाप्त नहीं होगा, जब तक मंत्री का अपराधी बेटा गिरफ्तार नहीं होता।

हिंसा की जांच के लिए SIT का गठन
हिंसा मामले की जांच के लिए यूपी सरकार ने 6 सदस्यीय एसआईटी टीम गठित कर दी। आईजी लखनऊ लक्ष्मी सिंह ने बताया कि मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा को नामजद आरोपी बनाया है। बता दें कि सरकार की तरफ से इस मामले की न्यायिक जांच का भी आश्वासन दिया गया है। संभव है कि बुधवार को न्यायिक जांच कमेटी की घोषणा हो सकती है।

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जानिए अब तक किसने क्या कहा...

यह है मामला
3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा का कार्यक्रम था। यहां रास्ते में किसानों ने विरोध-प्रदर्शन करते हुए काले झंडे दिखाए थे। इसी दौरान एक थार जीप ने सड़क पर चल रहे किसानों को कुचल दिया था। इसमें 4 किसानों की मौत हो गई थी। इसके बाद हिंसा में किसानों ने एक ड्राइवर समेत चार लोगों को पीट-पीटकर मार डाला था। एक पत्रकार भी मारा गया था। मामले में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्र समेत 14 लोगों के खिलाफ हत्या और आपराधिक साजिश का केस दर्ज किया गया है। सरकार ने मृतक किसानों के परिवार को 45 लाख रुपए मुआवजा देने का ऐलान किया है। परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी भी दी जाएगी। 

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