
अयोध्या (Uttar Pradesh). योगी कैबिनेट ने अयोध्या में मस्जिद के लिए जमीन देने का ऐलान कर दिया। रौनाही गांव में मस्जिद के लिए जमीन चुनी गई है। बता दें, यह जगह रामलला विराजमान से करीब 25 किलोमीटर दूर है। कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने बताया, सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुसार 5 एकड़ जमीन 3 महीने के अंदर दिया जाना था। इसमें केंद्र सरकार के 3 विकल्पों में शामिल धनीपुर गांव, रौनाही में जमीन देने का फैसला किया गया है। मस्जिद जिला मुख्यालय से करीब 18 किलोमीटर दूर है।
कृषि विभाग की जमीन पर बनेगा मस्जिद
जिस जगह मस्जिद के लिए जमीन दी गई वहह कृषि विभाग की जमीन है। करीब 25 एकड़ जमीन पर कृषि विभाग की तरफ से गेहूं की फसल उगाई गई है। जमीन के पास में अयोध्या की चर्चित शहजदा शाह की दरगाह है। इस दरगाह पर हर साल बड़ा उर्स लगता है।
पीएम ने संसद में की ट्रस्ट की घोषणा
बता दें, बुधवार को संसद में पीएम नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर बनाने के लिए ट्रस्ट की घोषणा की है। उसके कुछ घंटे बाद ही योगी कैबिनेट ने मस्जिद के लिए जमीन की घोषणा कर दी। 9 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मामले में फैसला सुनाते हुए 90 दिन में मंदिर के लिए ट्रस्ट बनाने और मस्जिद के लिए अयोध्या में पांच एकड़ जमीन देने का आदेश दिया था।
एआईएमपीएलबी ने जमीन लेने से किया इनकार
इस बीच ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने अयोध्या में मस्जिद के बदले कोई और जमीन लेने से इनकार कर दिया है। बोर्ड के वरिष्ठ कार्यकारिणी सदस्य मौलाना यासीन उस्मानी ने कहा, करीब सभी मुसलमानों का फैसला है कि हम अयोध्या में मस्जिद के बदले कोई और जमीन नहीं लेंगे। सुन्नी वक्फ बोर्ड मुसलमानों का नुमाइंदा नहीं है। वह सरकार की संस्था है। बोर्ड अगर जमीन लेता है तो इसे मुसलमानों का फैसला नहीं माना जाना चाहिए। हालांकि, सुन्नी वक्फ बोर्ड की तरफ से अभी कोई बयान सामने नहीं आया है।
उत्तर प्रदेश में हो रही राजनीतिक हलचल, प्रशासनिक फैसले, धार्मिक स्थल अपडेट्स, अपराध और रोजगार समाचार सबसे पहले पाएं। वाराणसी, लखनऊ, नोएडा से लेकर गांव-कस्बों की हर रिपोर्ट के लिए UP News in Hindi सेक्शन देखें — भरोसेमंद और तेज़ अपडेट्स सिर्फ Asianet News Hindi पर।