
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में दोबारा सत्ता संभाल रहे योगी आदित्यनाथ ने सरकार में आते ही कई अहम फैसले लिए जिन पर मंत्री और अधिकारी पूरा करने में कोई कसर नही छोड़ रहे है। इसी को अपनाते हुए अब योगी आदित्यनाथ सरकार यूपी के शहरों को संवारने की तैयारी कर रही है। दरअसल नगरीय निकायों में सुविधानओं को बेहतर करके शहरों को सुंदर बनाने का आदेश दिया गया है। इस महीने की 15 तारीख से 15 जून तक विशेष अभियान चलाया जाएगा जिसमें नगर निगमों, मिशन अमृत के तहत चयनित नगर पालिका परिषदों व जिला मुख्यालय की नगर पालिका परिषदों को चमकाना है। इस अभियान के तहत शहरों की साफ-सफाई के साथ ही तय 12 बिंदुओं पर अमल किया जाना है।
निकायों में समानता बनाने के लिए अपनाए यह तरीक
अपर मुख्य सचिव नगर विकास डॉ रजनीश दुबे का आदेश है कि स्थानीय निकायों में जो सड़कें दो या उससे अधिक लेन की हैं वहां पर लोकर निर्माण विभाग, आवास व शहरी नियोजन विभाग आदि अपने प्रभुत्व वाली सड़कों की मानक के अनुसार काम कराए जाए जैसे- जेब्रा क्रासिंग, पेंटिंग इत्यादि। साइनेज के अलावा वहां अधिक स्टैंडर्ड बोर्ड लगाए जिससे निकायों में समानता बनी रहे।
प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप के अंतर्गत कराया जाए विकसित
इस अभियान में यह भी है कि स्मार्ट सिटी के तहत जहां विकास कार्य चल रहे हैं, उसे इसी दिए गए समय में पूरा कराया जाए। यातायात को आसान बनाने के लिए जरूरत के हिसाब से चौराहों को चौड़ा किया जाए और साथ ही फुटपाथ भी दुरूस्त किए जाए। इसके अलावा स्थानीय निकायों के चौराहों को प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप के अंतर्गत विकसित कराया जाए।
सड़कों के किनारे पौधारोपण कर वायु प्रदूषण को किया जाए नियंत्रित
जिले के सभी आला अधिकारी जैसे- जिलाधिकारी, स्थानीय निकाय के निदेशक, नगर आयुक्तों व नगर पालिका परिषद के अधिशासी को निर्देश है कि वायु प्रदूषमण को नियंत्रित रखने के लिए मानक के अनुरूप सड़कों के किनारे पौधारोपण कराकर ग्रीन बेल्ट विकसित करांए। इतना ही नहीं मुख्य स्थलों पर वर्टिकल गार्डेन बनाया जाए और निर्माणाधीन पार्कों का सुंदरीकरण भी किया जाए।
जिलों में अब दो पालियों में उठाया जाए कूड़ा
राज्य के सभी शहरों में वाल पेंटिंग कराई जाए जिस प्रकार काशी और संगम नगरी प्रयागराज में है। शहर के मुख्य बाजार, बस स्टेशन, रेलवे स्टेशन, सार्वजनिक स्थल व पर्यटक स्थलों पर शाम चार से आठ बजे तक दूसरी पाली में भी कूड़ा उठाने का कार्य कराया जाए। यानी की कूड़ा प्रतिदिन दो पालियों में ही उठाया जाए।
डिजिटल डायरी बनाकर करे कड़ी निगरानी
इतना ही नहीं बरसात के महीने में जलभराव की दिक्कतों का सामना न हो उसके लिए नालों और नालियों की सफाई पर विशेष अभियान चलाया जाए। इसके लिए पर्यवेक्षण अधिकारी एक डिजिटल डायरी बनाएं। सार्वजनिक शौचालयों की भी डायरेक्टरी बनाकर उन्हें दुरुस्त किया जाए।
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