योगी सरकार 2.0: मध्य यूपी के इन 6 जिलों समेत कई जनपदों की झोली रही खाली, नहीं मिला एक भी मंत्री

योगी सरकार 2.0 के शपथग्रहण के बाद कई जनपदों में अभी भी मायूसी छाई हुई है। इस मायूसी का कारण है कि इनके पाले में एक भी मंत्री नहीं आया है। वहीं इस लिस्ट में कई ऐसे जिले भी शामिल हैं जहां वर्षों बाद ऐसा हुआ जो कोई विधायक मंत्रीपद तक नहीं पहुंच सका। 

Asianet News Hindi | Published : Mar 26, 2022 10:01 AM IST

लखनऊ: योगी सरकार 2.0 के शपथग्रहण समारोह में 2 डिप्टी सीएम, 16 कैबिनेट मंत्री, 14 स्वतंत्र प्रभार और 20 राज्यमंत्रियों ने शपथ ग्रहण किया। शपथग्रहण और मंत्री पद के लिए विधायकों का चयन 2024 के चुनाव को ध्यान रखकर किया गया। हालांकि इस दौरान कई जिले ऐसे रह गए जिनकी झोली में एक भी मंत्री नहीं आया। जाहिरतौर पर इन जिलों के विधायकों और जनता में मायूसी देखी गई। इसी में से एक जनपद कानपुर भी है। कानपुर के साथ ऐसा काफी अर्से बाद हुआ। मंत्री पद को लेकर यहां चर्चाएं 10 मार्च की शाम से ही शुरू हो गई थीं। हालांकि इन चर्चाओं को 25 मार्च की शाम मायूसी दे गई। 

मध्य यूपी के इन जनपदों को मिली मायूसी 
कानपुर ही नहीं उन्नाव, फतेहपुर, फर्रूखाबाद, इटावा और औरैया जैसे जनपदों को भी इस दौरान मायूसी का सामना करना पड़ा। जनपद के एक भी विधायक को मंत्रिमंडल में जगह न मिलने के बाद लोगों को मायूसी के साथ नाराजगी भी देखने को मिली। भले ही विधायक खुलकर कुछ न कह रहे हैं लेकिन क्षेत्र की जनता की मायूसी उन्हें अंदर ही अंदर परेशान कर रही है। 

कई रसूखदार चेहरे को भी किया गया लिस्ट से बाहर 
मंत्रिमंडल की लिस्ट सामने आने के बाद इसमें से कई रसूखदारों का नाम भी गायब था। हालांकि इस बीच कुछ नए लोगों को मौका दिया गया। लिस्ट के सामने आने के बाद उन राजनीतिक जानकारों के दावे भी हवा हो गए जो कई पुराने चेहरों के मंत्रिमंडल का हिस्सा होने के लेकर दावों का जिक्र कर रहे थे। 

चार बार दिया मुख्यमंत्री, अब मंत्री पद के लिए तरस रहा इटावा 
इटावा जनपद के दो राजनेताओं को 4 बार सीएम बनने का गौरव प्राप्त हुआ। हालांकि यही इटावा अब एक मंत्री पद के लिए तरस रहा है। योगी सरकार के दूसरे मंत्रिमंडल में भी इटावा को मायूसी नजर आई। 

प्रतापगढ़ को भी मिली मायूसी 
यूपी चुनाव के परिणाम सामने आने के बाद लगातार यह कयास लगाए जा रहे थे कि प्रतापगढ़ से विधायक बने कुछ नेताओं को मंत्रिमंडल में जरूर ही शामिल किया जाएगा। हालांकि जब शपथग्रहण हुआ तो यह कयास कोरे साबित हुए। जनपद के किसी भी विधायक को मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली।

बिजनौर और बुलंदशहर के भी विधायकों को नहीं मिली जगह 
यूपी चुनाव में भले ही बिजनौर और बुलंदशहर ने भाजपा की झोली भरने का काम किया हो लेकिन मंत्रिमंडल को लेकर उसे मायूसी हाथ लगी। योगी सरकार को दोबारा सत्ता में पहुंचाने में इन जनपदों का अहम योगदान रहा है, लेकिन इन जनपदों को इस बार मंत्रिमंडल में मायूसी हाथ लगी। 

अयोध्या की उम्मीदों पर भी फिरा पानी 
अयोध्या से भाजपा के खाते में 5 में से 3 सीटें गई हैं। हालांकि मंत्रिमंडल में यहां एक भी विधायक को जगह नहीं दी गई। जिस तरह से बीजेपी की चुनावी सभाओं में अयोध्या का जिक्र हर मंच से हो रहा था उसके बाद कयास लगाए गए थे कि मंत्रिमंडल में यहां किसी न किसी को जगह अवश्य मिलेगी। हालांकि ऐसा न हो सका। 

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