कोरोना की जांच में पति को निकाला स्वाइन फ्लू, पत्नी को भी घर से उठा ले गई स्वास्थ्य विभाग की टीम

Published : Mar 19, 2020, 07:49 PM ISTUpdated : Mar 19, 2020, 07:51 PM IST
कोरोना की जांच में पति को निकाला स्वाइन फ्लू, पत्नी को भी घर से उठा ले गई स्वास्थ्य विभाग की टीम

सार

स्वाइन फ्लू की जानकारी होने पर रात में ही आइडीएसपी प्रभारी जियाउल के नेतृत्व में टीम एंबुलेंस लेकर गांव में पहुंची। पीड़ित के रात में जाने से चलने से मना करने पर टीम बैरंग लौट आई। सुबह पुन: टीम ने उसे और उसकी पत्नी घर से लाकर जिला अस्पताल में भर्ती कराया। प्राथमिक उपचार के बाद दंपती को बेहतर चिकित्सा व सुरक्षात्मक दृष्टिकोण से बीएचयू रेफर कर दिया। 

जौनपुर ( Uttar Pradesh) । कोरोना वायरस से संक्रमित होने की डर से घर आया मर्चेंट नेवी में काम करने वाला युवक स्वाइन फ्लू पॉजिटिव पाया गया है। रिपोर्ट आने के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है। रात में ही स्वास्थ्य विभाग की टीम उसके घर पहुंची, लेकिन उसने जाने से मना कर दिया। हालांकि आज टीम फिर उसके घर फिर जा धमकी। इस बार उसे और आशंकावश उसकी पत्नी को भी लेकर एंबुलेंस से जिला अस्पताल ले आईं। यहां प्राथमिक जांच के बाद दोनों को वाराणसी रेफर कर दिया।

यह है पूरा मामला
युवक मर्चेंट नेवी में नौकरी करता है। वह सिंगापुर से घर आने के बाद पुनः कोलकाता गया। जहां से पानी की जहाज पर सवार हुआ। इसी दौरान सर्दी-जुकाम होने पर वह आशंकावश उतर गया और वापस घर लौट आया। यात्रा के लौटे युवक के पीडि़त होने की जानकारी पर स्वास्थ्य विभाग ने दो दिन पूर्व नमूना लेकर जांच के लिए बीएचयू भेजा था। जांच में कोरोना वायरस की जगह स्वाइन फ्लू पॉजिटिव रिपोर्ट आया। रिपोर्ट आने के बाद स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया। 

वाराणसी किया गया रेफर
स्वाइन फ्लू की जानकारी होने पर रात में ही आइडीएसपी प्रभारी जियाउल के नेतृत्व में टीम एंबुलेंस लेकर गांव में पहुंची। पीड़ित के रात में जाने से चलने से मना करने पर टीम बैरंग लौट आई। सुबह पुन: टीम ने उसे और उसकी पत्नी घर से लाकर जिला अस्पताल में भर्ती कराया। प्राथमिक उपचार के बाद दंपती को बेहतर चिकित्सा व सुरक्षात्मक दृष्टिकोण से बीएचयू रेफर कर दिया। 

जानें क्या है स्वाइन फ्लू
स्वाइन फ्लू श्वसन तंत्र से जुड़ी बीमारी है, जो ए टाइप के इनफ्लुएंजा वायरस से होती है। यह वायरस एच-1 एन-1 के नाम से जाना जाता है और मौसमी फ्लू में भी यह वायरस सक्रिय होता है। यह वर्ष 2009 में प्रकाश में आया। जब खांसते या छींकते हैं तो हवा में या जमीन पर या जिस भी सतह पर थूक या मुंह और नाक से निकले द्रव कण गिरते हैं, वह वायरस की चपेट में आ जाता है। यह कण हवा के द्वारा या किसी के छूने से दूसरे व्यक्ति के शरीर में मुंह या नाक के जरिए प्रवेश कर जाते हैं। मसलन, दरवाजे, फोन, की-बोर्ड या रिमोट कंट्रोल के जरिए भी यह वायरस फैल सकते हैं, अगर इन चीजों का इस्तेमाल किसी संक्रमित व्यक्ति ने किया हो।

(प्रतीकात्मक फोटो)


 

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