बूंदी बस हादसे में मारे गए 24 लोगों के शवों को जब कोटा लाया गया तो उनको देखने के लिए पूरा शहर उमड़ पड़ा। परजिन दहाड़े मारकर रो रहे थे, हर तरफ उनकी चीखें सुनाई दे रहीं थी। जैसे ही 21 लोगों की अर्थियां एक साथ निकली हर कोई इस शव यात्रा में रोता हुआ शामिल हुआ। सबकी जुबान से यही बात
बूंदी बस हादसे में मारे गए 24 लोगों के शवों को जब कोटा लाया गया तो उनको देखने के लिए पूरा शहर उमड़ पड़ा। परजिन दहाड़े मारकर रो रहे थे, हर तरफ उनकी चीखें सुनाई दे रहीं थी। जैसे ही 21 लोगों की अर्थियां एक साथ निकली हर कोई इस शव यात्रा में रोता हुआ शामिल हुआ। सबकी जुबान से यही बात निकली कि आज तक इतना भयानक मंजर नहीं देखा। हे भगवान, ऐसी ह्रदय विदारक घटना फिर कभी न हो। आलम यह था कि एक चिता पर पति-पत्नी तो दूसरी पर उनके बच्चे लेटे हुए थे। बता दें, 26 फरवरी दिन बुधवार सुबह 10 बजे बूंदी की मेज नदीं में एक बारातियों से भरी बस गिर गई थी। बस में कुल 30 लोग सवार थे। जिसमें 24 की मौके पर मौत हो गई, जबकि 6 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। मामा पक्ष अपनी भांजी प्रीति की शादी के लिए कोटा से सवाई माधोपुर जा रहा था।