वीडियो डेस्क। मात्र 24 दिन की बच्ची जिसने ना दुनिया देखी। ना दुनियादारी की समझ है रिश्ते-नातों से अंजान गोद में आंख बंद कर आराम से सो रही इस बच्ची के दर्द की कहानी सुनेंगे तो आपकी भी आंखे भर आएंगी। इस नन्ही से जान पर परिवार की जिम्मेदारियों का बोझ आ गया है।
वीडियो डेस्क। मात्र 24 दिन की बच्ची जिसने ना दुनिया देखी। ना दुनियादारी की समझ है रिश्ते-नातों से अंजान गोद में आंख बंद कर आराम से सो रही इस बच्ची के दर्द की कहानी सुनेंगे तो आपकी भी आंखे भर आएंगी। इस नन्ही से जान पर परिवार की जिम्मेदारियों का बोझ आ गया है। 12 दिन ही पिता का साया छिन गया। कांस्टेबल भर्ती परीक्षा देने गए भाई दीपेश व उसकी पत्नी पिंकी के साथ हादसे का बंशीधर भी हादसे का शिकार हो गए। नांगल भरड़ा निवासी बंशीधर की मौत के 12वें दिन उनकी 24 दिन की बच्ची को बकायदा उसे पगड़ी पहनाकर ये जिम्मेदारी पूरे गांव के सामने सौंपी गई। इस दृश्य को देख हर किसी की आंखें नम हो जाएंगी। हादसे में अपने दोनों बेटों को खोने वाले अशोक कुमार से उनका बुढ़ापे का सहारा छिन गया। 2 साल पहले ही दोनों बेटों की शादी रामपुरा डाबड़ी में बड़ी धूमधाम से की थी। अशोक के दो ही बेटे थे। जो एक साथ हादसे का शिकार हो गए। परिवार में अब अशोक कुमार के अलावा उनकी पत्नी पतासी देवी व बंशीधर की पत्नी मोनू कुमावत ही बचे हैं। जिसके चलते परिवार की जिम्मेदारी 24 दिन की मासूम चंचल को सौंपी गई है।