वीडियो डेस्क। राजस्थान के अलवर से आई ये खबर आपकी आंखे नम कर देगी। 3 बच्चे जिनकी उम्र 4 से 7 साल है। आज से ठीक 11 दिन पहले माता पिता और दादा-दादी को साया जिनसे उठ गया। लालन पालन करने वाले तो अनाथ करके चले गए लेकिन कुछ लोग देवदूत बनकर आए और बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने की दिशा में एक कदम उठाया।
वीडियो डेस्क। राजस्थान के अलवर से आई ये खबर आपकी आंखे नम कर देगी। 3 बच्चे जिनकी उम्र 4 से 7 साल है। आज से ठीक 11 दिन पहले माता पिता और दादा-दादी को साया जिनसे उठ गया। लालन पालन करने वाले तो अनाथ करके चले गए लेकिन कुछ लोग देवदूत बनकर आए और बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने की दिशा में एक कदम उठाया। अलवर जिले के राजगढ़ क्षेत्र में रहने वाले 50 वर्षीय हरिराम सैनी अपनी पत्नी पत्नी रज्जो, बेटा डब्लू और बहू मीरा के साथ राजगढ़ से दौसा स्थित एक बालाजी मंदिर में गए थे। चारों लोग परिवार के एक सदस्य के ऑटो से गए थे और वापस लौट समय ऑटो में बैठे पूरे परिवार को ट्रक ने कुचल दिया।जिसमें चारों की मौत हो गई। इस घटना के बाद परिवार में कोहराम मच गया। प्रशासन भी आगे आया और मदद करने का आश्वासन दिया। लेकिन मदद क्या की यह पता नहीं चल सका। हरिराम के तीन बेटे थे। जिनमें डब्लू की मौत हो गई। हरीराम और उनका बेटा डब्लू टैंट का काम करते थे। टैंट डीलर्स एसोसिएशन और ऑल इंडिया टैंट डेकोरेटर सोसायटी के अध्यक्ष रवि जिंदल और अन्य पदाधिकारियों को यह पता चला तो बच्चों की मदद की बात सामने आई। जिसमें दस लाख रुपए की एफडी तीनों बच्चों के नाम करा दी गई। इस एफडी को डब्लू के तीनों बच्चों में बांटा गया है।जो उनके व्यस्क होने पर खुलेगी।