राजस्थान में इस साल भारी बारिश हुई। कई जिले तो अभी भी जल मग्न है। ऐसे में प्रदेश के अस्सी फीसदी से ज्यादा बांध और नदियां ओवरफ्लो हैं लेकिन इतना होने के बाद भी राजस्थान का सबसे बड़ा बांध ओवर फ्लो नहीं हुआ और न ही इसके गेट खोले गए।
वीडियो डेस्क। राजस्थान के लोगों को तीन साल से जिसका इंतजार था वह घड़ी आज सवेरे साढ़े सात बजे आखिरकार आ ही गई। सवेरे जिसने भी इस बारे में सुना वह झूम उठा। सरकारी अफसरों ने पूजा पाठ शुरु कर दिए, हूटर बजाए गए और उसके बाद मिठाईयों खिलाई गई एक दूसरे को। दरअसल तीन साल के बाद आज सवेरे जयपुर, दौसा और अजमेर को पानी पिलाने वाला बीसलपुरा बांध आज सवेरे साढ़े सात बजे के बाद आखिर छलक ही गया। राजस्थान का यह सबसे बड़ा बांध है जो करीब एक करोड़ से भी ज्यादा लोगों को पानी सप्लाई करने का सबसे बडा सोर्स है।
दरअसल राजस्थान में इस साल भारी बारिश हुई। कई जिले तो अभी भी जल मग्न है। ऐसे में प्रदेश के अस्सी फीसदी से ज्यादा बांध और नदियां ओवरफ्लो हैं लेकिन इतना होने के बाद भी राजस्थान का सबसे बड़ा बांध ओवर फ्लो नहीं हुआ और न ही इसके गेट खोले गए। लेकिन आखिरकार अब बीसलपुर बांध के भी दो गेट आधा आधी मीटर खोल दिए गए हैं। गेट खुलने के बाद छह हजार क्यूसेक से भी ज्यादा पानी छोड़ा जाएगा। यह छह हजार क्यूसेक पानी चौबीस से तीस घंटे के दौरान नजदीकी जिले सवाई माधोपुर में होता हुआ बनास नदी में मिल जाएगा।
दो साल जितना पानी आ गया बीसलपुर में इस बार
बीसलपुर में पानी आने का मुख्य सोर्स बारिश ही है। एमपी में लगातार बारिश हुई तो उसका पानी चित्तौडगढ़ के राणा प्रताप सागार बांध में आया। वहां जब बांध के गेट खोले गए तो उसके बाद पानी भीलवाड़ा जिले में होता हुआ जयपुर के पास टोंक में स्थित बीसलपुर बांध तक आया। बांध की भराव क्षमता 315.50 मीटर है। लेकिन आज भराव क्षमता पूरी होने के बाद दो गेट आधा मीटर तक खोल दिए गए। जलदाय विभाग के अफसरों ने आज सवेरे बांध पर पूजा की और उसके बाद गेट खोले। अफसरों का कहना है कि सरकार अगर खेती के लिए पानी देती है तो एक साल पीने का पानी बांध में आ गया है। अगर खेती के लिए पानी नहीं छोड़ती है तो जयपुर, टोंक, अजमेर और आसपास के जिलों के कुछ हिस्से के एक करोड़ से भी ज्यादा लोगों के लिए दो साल का पीने का पानी हो जाएगा।