वीडियो डेस्क। जानकी नवमी पर जयपुर शहर में एक अनोखा विवाह सम्मेलन आयोजित किया गया। जो संस्था यह है आयोजन करा नहीं थी उनके प्रबंधकों का कहना था कि यह पहली बार है कि जो जोड़े विवाह कर रहे हैं उनमें से अधिकतर एक ही जाति के नहीं है। 26 जोड़े विवाह कर रहे हैं जो 12 अलग-अलग जातियों के हैं। 5 जोड़ी ऐसे हैं जो अंतरजातीय विवाह कर रहे हैं।
वीडियो डेस्क। जानकी नवमी पर जयपुर शहर में एक अनोखा विवाह सम्मेलन आयोजित किया गया। जो संस्था यह है आयोजन करा नहीं थी उनके प्रबंधकों का कहना था कि यह पहली बार है कि जो जोड़े विवाह कर रहे हैं उनमें से अधिकतर एक ही जाति के नहीं है। 26 जोड़े विवाह कर रहे हैं जो 12 अलग-अलग जातियों के हैं। 5 जोड़ी ऐसे हैं जो अंतरजातीय विवाह कर रहे हैं। आयोजकों का कहना था कि इस तरीके का आयोजन पहली बार ही किया गया है। सेवा भारती संस्था की ओर से आयोजित किए गए विवाह समारोह मे सैकड़ों मेहमान मौजूद रहे। इन मेहमानों की मौजूदगी में हिंदू रीति-रिवाजों से विवाह संपन्न हुआ।
अंबाबाड़ी स्थित आदर्श विद्या मंदिर में यह आयोजन किया गया। प्रबंधकों ने कहा कि समारोह में शादी के लिए 27 जोड़ों ने रजिस्ट्रेशन करवाया था। लेकिन समारोह से ठीक पहले एक जोड़ा बीमार हो गया इस कारण 26 जोड़ों के ही विवाह कराए गए। सेवा भारती संस्थान के क्षेत्रीय संगठन मंत्री मूलचंद सोनी वरिष्ठ प्रचारक शिव लहरी सहीत कई कार्यकर्ता इस आयोजन में मौजूद रहे।
एक साथ इतने जोड़ों के विवाह में सबसे ज्यादा आकर्षण का बनी सामूहिक निकासी। एक साथ सभी जोड़ों ने तोरण द्वार पर पहुंचकर तो रण मारा। 26 जोड़ों के लिए अलग-अलग यज्ञ वदी बनाई गई थी। एक मुख्य पंडित समेत अलग-अलग वेदी पर अलग-अलग पंडित रखे गए थे । पंडितों ने एक साथ मंत्र उच्चारण कर जोड़ों के फेरे करिये और उसके बाद सामूहिक भोज का आयोजन किया गया।