जयपुर में मालवीय नगर, मानसरोवर, आदर्श नगर, विद्याधर नगर समेत सात जगहों पर चालीस फीस से सत्तर फीट तक के रावणों का दहन होगा। 20 सालों से मुस्लिम परिवार तैयार कर रहे हैं रावण के पुतले। 5 अक्टूबर को मनाया जाएगा दशहरा
वीडियो डेस्क। इस बार राजस्थान में सबसे ज्यादा रावण कहीं जलेंगे तो वह है जयपुर शहर...। दस हजार से ज्यादा रावण तैयार किए जा चुके हैं और इनमें से हजारों बेचे जा चुके हैं। सबसे बड़ी बात ये है कि रावण बनाने वाले कारीगर मुस्लिम हैं और सालों से ये काम कर रहे हैं। उनका कहना है कि राजनीति और हिंदु मुस्लिम झगड़ा तो भरे पेट वाले करते हैं, हमें तो काम धंधे से ही फुर्सत नहीं है। विजय दशमी का पर्व 5 अक्टूबर को मनाया जाएगा। जिसके लिए तैयारियां लगभग पूरी हो गई हैं। इस बार रावण पिछले सालों की तुलना में कहीं ज्यादा कीमती तो है ही साथी ही महंगाई की मार ने कद भी छोटा कर दिया है। 10 सिर वाला रावण भी इस महंगाई से खुद को नहीं बचा पाया। ये कारीगर रावण ऑन डिमांड भी तैयार कर रहे हैं।
जयपुर में मालवीय नगर, मानसरोवर, आदर्श नगर, विद्याधर नगर समेत सात जगहों पर चालीस फीस से सत्तर फीट तक के रावणों का दहन होगा। विद्याधर नगर और आदर्श नगर में पांच दिवसीय मेलों का आयोजन भी किया गया है। इन मेलों में दो लाख से भी ज्यादा लोग पहुंच रहे हैं। जयपुर में इस बार दो सौ पचास से भी ज्यादा जगहों पर गरबा का आयोजन किया गया है। यह पहली बार है कि इतनी बड़ी संख्या में गरबा आयोजित हुए हैं। 2 साल बाद जयपुर में गरबा का रंग भी गुलाबी हो गया है। अब इंतजार है रावण दहन है।
20 साल से मुस्लिम कारीगर रावण का पुतला बन रहे हैं। दो महीने के लिए परिवार के साथ जयपुर आते हैं दशहरा के बाद यूपी यानि कि अपने घर वापस चले जाते हैं। दिवाली को रोशन करने का उनका रावण ही आसरा है। यहां पर दो फीट से पंद्रह फीट तक के रावण तैयार किए जा रहे हैं। जिसकी कीमत पांच सौ रुपए से लेकर दस हजार रुपए तक है। बांस, लकड़ी, लेप, कागज, पन्नी सब कुछ महंगा होने के वजह से रावण के पुतले की कीमत भी बढ़ गई है। लेकिन 2 साल बाद लोगों को अब कुछ धंधे की उम्मीद जागी है।