गलता तीर्थ से रविवार और सोमवार को जल लेने वाले कांवड़ियों की संख्या करीब 15,000 से ज्यादा है। यह पहली बार है कि सावन के पहले सोमवार को ही राजस्थान के जयपुर से इतनी बड़ी संख्या में कावड़ यात्रा यहां पहुंची हैं
वीडियो डेस्क। उदयपुर हत्याकांड के बाद राजस्थान में कांवड़ यात्रियों को लेकर अलग-अलग जिलों के कमिश्नर और कलेक्टर ने निर्देश जारी किए हैं। प्रदेश में कहीं भी कावड़ यात्रा के दौरान डीजे को अनुमति नहीं दी गई है । ऐसा पहली बार किया गया है कि डीजे को अनुमति नहीं दी गई है। तो ऐसे में कावड़ियों ने नया रास्ता निकाल लिया है। दरअसल इस बार बड़ी संख्या में जयपुर में कावड़ यात्रा निकल रही है।। इन यात्राओं में डीजे की अनुमति नहीं होने के कारण बड़ी संख्या में कावड़ यात्री ढोल ताशे और झांझ मजीरे लेकर चल रहे हैं । फिलहाल इन्हें बजाने में सरकार या पुलिस की तरफ से कोई मनाही नहीं है। सावन का पहले सोमवार पर जयपुर समेत लगभग सभी जिलों में शिव मंदिरों में कांवड़ यात्राओं की धूम मची हुई है। सबसे ज्यादा कावड़ यात्रा राजस्थान में जयपुर शहर में ही निकलती है । जयपुर शहर में स्थित गलता तीर्थ से पवित्र जल लाकर कावड़िए अलग-अलग जगहों पर शिव जी का अभिषेक करते हैं। बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी भी कावड़ यात्राओं के साथ मौजूद रहे। गलता तीर्थ से रविवार और सोमवार को जल लेने वाले कांवड़ियों की संख्या करीब 15,000 से ज्यादा है। यह पहली बार है कि सावन के पहले सोमवार को ही इतनी बड़ी संख्या में कावड़ यात्रा यहां पहुंची हैं। जयपुर के नोरथ क्षेत्र में ही करीब 400 शिवलिंग है। जयपुर के अलावा जयपुर के आसपास के जिलों के लोग भी तीर्थ से पवित्र जल लेकर इन्हीं शिवलिंग पर अर्पित करते हैं ।