राजस्थान के सीकर में असिस्टेंट प्रोफेसर की हरकत के बाद सभी छात्र संगठन एकजुट होकर प्रदर्शन कर रहे हैं। कॉलेज के बाहर अपनी दुश्मनी भुलाकर एक छात्रा के लिए इंसाफ मांग रहे हैं। सीकर के एस के गर्ल्स कॉलेज का मामला
सीकर. राजस्थान के सीकर शहर में कभी इन छात्रों की दुश्मनी दहशत का पर्याय थी। आए दिन कॉलेज से लेकर सार्वजनिक रास्तों पर लाठी- डंडों व सरियों से मारपीट शहर में डर दौड़ा देती थी। पर आज वही छात्र संगठनों की दुश्मनी भूलकर एक लड़की के लिए एक जाजम पर आ गए। एसके गल्र्स कॉलेज में एक छात्रा के साथ असिस्टेंड प्रोफेसर द्वारा अश्लील हरकत का मामला सामने आया तो सभी छात्र संगठन अपनी दुश्मनी भूल गए। पहले चिर प्रतिद्वंद्धी एसएफआई व एबीवीपी के पदाधिकारियों ने सोमवार शाम को कॉलेज में साथ पहुंचकर अन्याय के खिलाफ एकता का संदेश दिया, आज उनके साथ एनएसयूआई व डीएएसएफआई सरीखे संगठनों के कार्यकर्ता भी कॉलेज प्रदर्शन करने पहुंच गए। सभी संगठनों के कार्यकर्ताओं ने कॉलेज का गेट बंद कर एक साथ धरना दिया। आरोपी शिक्षक व कॉलेज स्टॉफ के खिलाफ नारे लगाते हुए जमकर प्रदर्शन भी किया। प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि आरोपी प्रोफेसर को तुरंत निलंबित करने के साथ कॉलेज में लगे काले शीशे हटवाए जाएं। मांग नहीं मानने पर बड़े आंदोलन की चेतावनी भी दी। इस दौरान छात्र संघ अध्यक्ष राजकुमारी जाखड़ , कॉमर्स कॉलेज छात्रसंघ अध्यक्ष सौरभ सिंह,एनएसयूआई जिलाध्यक्ष ओमप्रकाश नागा, डीएएसएफआई के रोशन वर्मा सहित विभिन्न छात्र संगठनों के कार्यकर्ता एक साथ मौजूद रहे। एक लड़की के न्याय के लिए एक मंच पर आने के सभी संगठनों के फैसले की हर कोई प्रशंसा कर रहा है।
प्रैक्टिकल के नाम पर अश्लील हरकत
गौरतलब है कि कॉलेज की बीएससी प्रथम वर्ष की नाबालिग छात्रा ने सोमवार को एसपी को शिकायत दी थी। जिसमें उसने बताया कि जूलोजी के प्रैक्टिकल का रिकार्ड जमा होने पर भी उसे कॉलेज में बुलाया गया था। जहां वह रिकार्ड के लिए कमरा नं. 53 में गई तो वहां मौजूद एक असिस्टेंट प्रोफेसर ने रिकार्ड ढूंढने के बहाने उसे कई बार गलत जगहों को छूकर गंदी हरकर की कोशिश की। इसकी शिकायत विभागाध्यक्ष व प्राचार्य को तो भी कोई सुनवाई नहीं हुई। मामले की सूचना पर छात्र संगठनों का आक्रोश भड़क गया था। जिसके बाद सोमवार से ही विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए।
काले रंग के शीशों का विरोध
गल्र्स कॉलेज में मेन गेट व लैब पर काली पट्टी व शीशों का भी विरोध किया जा रहा है। छात्रों का कहना है कि काले शीशों की आड़ में कॉलेज में गलत काम होते हैं। ऐसे में उन्हें हटाकर पारदर्शिता कायम करनी चाहिए।