राजस्थान में 2 साल के लंबे इंतजार के बाद पुष्कर का आयोजन हुआ है। सैलानियों की इतनी भीड़ है कि पुष्कर की गलियों में पैदल चलने तक की जगह तक नहीं है। सिर्फ देशवासी ही नहीं विदेशियों के लिए भी पहली पसंद बना है पुष्कर मेला
पुष्कर। pushkar mela राजस्थान में इस बार 2 साल के लंबे इंतजार के बाद पुष्कर का मेला शुरू हो चुका है। दो साल बाद इस महीने में इतनी ज्यादा भीड़ है कि अभी पुष्कर की गलियों में पैदल चलने तक की जगह तक नहीं है। इतना ही नहीं इस मेले में देश के कोने कोने से लोग पहुंच रहे हैं। यहां इतनी ज्यादा भीड़ है कि अगले 15 से 20 दिनों तक होटल में एक कमरा तक खाली नहीं है। बाहर से आए सैलानियों को अजमेर या अन्य आसपास के इलाकों में रुकना पड़ रहा है। आपको बता दें कि पुष्कर ही राजस्थान में एक ऐसा स्थल है जहां समूचे विश्व का केवल एक ही ब्रह्मा मंदिर है। इसके साथ ही यहां की बनावट और पर्यटन स्थलों को देखने के लिए विदेशी लोग आते रहते हैं। मेले में होने वाले कई आयोजन जैसे कल्चरल नाइट, इसके साथ ही गेम्स और अन्य प्रतियोगिताओं में हिस्सा भी लेते हैं।
इस बार 8 दिन तक चलने वाले इस पुष्कर मेले में रस्साकशी, सितोलिया, म्यूजिकल चेयर जैसे कई आयोजन होंगे। जिसमें विदेशी लोग भी हिस्सा ले रहे हैं। एक अनुमान के मुताबिक करीब 12 से ज्यादा देशों के 2000 विदेशी पर्यटक पुष्कर में मौजूद है। जो यहां मेला समाप्त होने तक रुकेंगे। इस मेले की शुरुआत 1 नवंबर को प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने की थी। इस दौरान यहां करीब डेढ़ लाख दीपक से आरती की गई थी। पुष्कर मेले के दौरान पशु मेले का भी आयोजन होता है। लेकिन इस बार घोड़ों में फैल रही ग्लैंडर्स बीमारी के चलते यह पशु मेला आयोजित नहीं किया गया है। मेले में करोड़ों रुपए तक के घोड़े बिकते हैं। इन घोड़ों की अपनी ही कई खासियत होती है।