अलवर की यह अनोखी शादी मीडिया में चर्चा का विषय बनी हुई है। यह शादी एक सोशल मैसेज बनकर सामने आई है। यहां मेहमानों से कोई उपहार नहीं लिया गया। बल्कि उन्हें ऐसी गिफ्ट दी गई, जो उनकी जिंदगी में काम आए।
अलवर. आमतौर पर दूल्हा बारात लेकर दुल्हन के घर जाता है। शादी में शामिल होने मेहमान अच्छे-अच्छे गिफ्ट लेकर जाते हैं। खाते हैं-पीते हैं और डांस करते हैं। लेकिन यहां कुछ अलग हुआ। यहां दुल्हन बारात लेकर दूल्हें घर पहुंची। मेहमानों से कोई गिफ्ट नहीं ली गई। बल्कि उन्हें उन्हें पौधे बांटे गए। स्वच्छता और पर्यावरण बचाने का प्रॉमिस लिया गया। यह अनोखी शादी अलवर से करीब 20 किमी दूर स्थित करोली गांव में हुई। दूल्हा अजय जाटव और दुल्हन बबीता दोनों हैदराबाद में एक प्राइवेट फर्म में जॉब करते हैं। परंपराओं को तोड़कर बबीता बारात लेकर अजय के घर पहुंची। मकसद था लोगों को यह लड़का और लड़की में कोई भेदभाव न करने का मैसेज देना। बबीता रथ पर बैठकर अजय के घर पहुंची। बाराती अंबेडकर और गौतम बुद्ध की तस्वीर पकड़े हुए थे। कपल ने संविधान की कॉपी हाथ में लेकर 7 फेरे लिए। कपल ने गांव की सार्वजनिक लाइब्रेरी के लिए 30 हजार रुपए की किताबें भी दान कीं। गांव के सरपंच राजू पंडित ने बताया कि कपल ने लाइब्रेरी के मरम्मत के लिए भी पैसे दिए हैं। कपल ने मेहमानों को गिफ्ट में पौधे बांटे।