राजस्थान में कांग्रेस पार्टी की आंतरिक खीचतान अभी भी शांत नहीं हुई है भारत जोड़ो यात्रा की एंट्री से पहले फिर गुटों में आई नजर। सचिन पायलट जिस टोंक जिले से विधायक बने वहां नर्सिंग कॉलेज शिलान्यास में ना तो उनका नाम था ना हीं वहां कोई पार्टी का बड़ा नेता पहुंचा।
टोंक (tonk). राजस्थान कांग्रेस पार्टी में चल रही खींचतान को पार्टी के नेता भले ही शांत बता रहे हो। लेकिन एक बार फिर यह स्थान सामने आई है। मौका था टोंक में बनने वाली नर्सिंग कॉलेज का। पाली से सीएम गहलोत ने इसका वर्चुअल शिलान्यास किया। लेकिन टोंक में हालात यह हुए कि पार्टी के एक स्थानीय नेता को छोड़कर कोई भी नेता वहां शामिल नहीं हुआ। इसके साथ ही कार्यक्रम में कुर्सियां भी खाली पड़ी रही।
यहीं से बने पायलट विधायक, पर इनविटेशन में नाम तक नहीं
राजस्थान का टोंक वही एरिया है जहां से सचिन पायलट चुनाव जीते हैं लेकिन इसके बाद भी पार्टी की ओर से आयोजित कार्यक्रम में इनविटेशन कार्ड में उनका नाम तक नहीं था। हालांकि मंत्री शाले मोहम्मद और चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा का इनविटेशन में नाम था लेकिन दोनों ही कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए कार्यक्रम में केवल एक खादी ग्राम उद्योग बोर्ड के सदस्य मुराद गांधी को छोड़कर कोई भी नेता शामिल नहीं हुआ।
खाली पड़ी रही कुर्सियां
अब जब कोई बड़ा नेता ही कार्यक्रम में शामिल नहीं हुआ तो आमजन ने भी इस कार्यक्रम में अपनी कोई रुचि नहीं दिखाई। कार्यक्रम में करीब 500 लोगों के बैठने की व्यवस्था की गई थी। लेकिन ज्यादातर कुर्सियां खाली ही नजर आई। कार्यक्रम में कुत्ते भी इधर-उधर भोंकते हुए नजर आए।
अब भले ही भारत जोड़ो यात्रा के पहले इस तरह से पार्टी की आपसी खींचतान सामने आ रही हो लेकिन राजस्थान में नेता पार्टी में होने वाली खेमेबाजी से बचे हुए नजर आ रहे हैं। पार्टी के बेबाक नेता कहे जाने वाले राजेंद्र सिंह गुढा जो अक्सर सचिन पायलट को सीएम बनाने की मांग करते थे। अब वह भी लंबे समय से शांत ही बैठे हुए हैं। राजनीतिक सूत्रों की माने तो पार्टी आलाकमान से मैसेज मिला है कि भारत जोड़ो यात्रा के पहले पार्टी में किसी तरह की कोई गुटबाजी नही हो।
वहीं आज कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा मध्य प्रदेश के बुहारनपुर में प्रवेश कर चुकी है। यहां करीब 10 दिनों के प्रवास के बाद यात्रा राजस्थान में झालावाड़ के रास्ते प्रवेश करेगी। इसी बीच अब राजस्थान में इस यात्रा को लेकर तैयारियां तेज को चुकी है।